नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर मची रार अब और तेज हो चुकी है। शुक्रवार को जब एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तो भारतीय जनता पार्टी ने भी मोर्चा संभाल लिया। संवाददाता सम्मेलन से शुरू हुई ये जंग अब सोशल मीडिया तक पहुंच चुकी है। भाजपा ने राहुल गांधी के एक-एक आरोप का जबाव अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिया है। आइए जानते हैं कि भाजपा ने अपने ट्विटर पर क्या कहा। पार्टी ने राहुल गांधी के नौ कथित झूठ का सिलसिलेवार आखिर क्या जवाब दिया है। भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी झूठे हैं। पार्टी ने कहा है कि यदि ‘दि हिंदू’ की खबर पर राहुल को इतना यकीन था तो उन्होंने उसे प्रमाण बनाकर शीर्ष अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया। दरअसल, शुक्रवार को द हिंदू अखबार में छपी एक खबर में सरकारी दस्तावेज के जरिए ये दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के अफसरों ने राफेल सौदे मामले पर पीएमओ द्वारा समानांतर बातचीत पर ऐतराज जताया था। राहुल ने इस खबर के हवाले से ही प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थेेे। भाजपा ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा है कि वह इस नए तथ्य के साथ सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएं। भाजपा ने राहुल के एक-एक करके नौ झूठ गिनाए हैं, जो इस प्रकार से हैं। राहुल ने फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट को ट्विस्ट करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि दसॉल्ट को भारत से डील करने के लिए अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट और दसॉल्ट के सीईओ ने कहा है कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था। राहुल ने यह भ्रांति फैलाने का प्रयास किया की कि देश की शीर्ष अदालत ने इस सौदे में गंभीर खामियां पाईं हैं। इसलिए उन्होंने विचाराधीन मामले में प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की।कोर्ट ने कांग्रेस की शह पर अपील करने वाली सभी याचिकाएं खारिज किया। कोर्ट ने दो टूक कहा कि केंद्र सरकार ने इसमें कुछ भी गलत नहीं किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के एक बड़े अफसरों को राफेल डील के विरोध में डिसेंट नोट प्रस्तुत करने के लिए मोदी सरकार ने सजा दी।राहुल का यह झूठ बेनकाब हो गया जब अधिकारी ने खुद मीडिया से बातचीत में किसी भी तरह की सजा से इनकार किया। राहुल ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने प्रधानमंत्री मोदी को चोर कहा और भारत सरकार ने उनसे रिलायंस को शामिल करने के लिए कहा। तथ्य: फ्रांस सरकार ने अपने आधिकारिक बयान इन आरोपों को खारिज किया।