देहरादून। मैदानी क्षेत्रों में दूल्हा बरात लेकर दुल्हन के घर आता है, जबकि देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में दुल्हन के दूल्हे के यहां बरात लाने की अनूठी परंपरा है। स्थानीय भाषा में इसे ‘जोजोड़ा विवाह’ कहते हैं। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए सहिया क्षेत्र के कनबुआ गांव के एक ही परिवार में तीन दुल्हनें बरात लेकर पहुंचीं। कनबुआ निवासी जालम सिंह पवार ने संयुक्त परिवार की परंपरा का निर्वाह करते हुए तीन पुत्रों देवेंद्र (धीरज), प्रदीप व संदीप का विवाह एक ही दिन करने का फैसला किया। इसकी तैयारियां पिछले कई माह से चल रही थीं। रविवार को लखऊ खत के किस्तूड़ गांव से अमिता (मोनिका), बहलाड़ खत के क्वासा गांव से प्रिया (ममता) व समाल्टा खत के भाकरौऊ गांव से रक्षा जौनसारी बरात लेकर कनबुआ गांव पहुंची। चारों भाइयों जालम सिंह पंवार, सूरत सिंह पंवार, कल सिंह पंवार व खजान सिंह पंवार ने बरातियों का जोरदार स्वागत किया। विवाह समारोह में मेहमानों को तरह-तरह के पारपंरिक लजीज व्यंजन परोसे गए।जोजोड़ा विवाह की विशेषता यह है कि सुबह के वक्त दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंचती है और शाम को 60-70 बरातियों की आमद होती है। इसके साथ ही शादी की रस्म पूरी की जाती हैं।