राहुल गांधी का राफेल पर नया आरोप

नई दिल्‍ली।कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान के सौदे से जुड़ा नया आरोप मोदी सरकार पर लगाया है। राहुल का कहना है कि राफेल सौदे से जुड़ा एक ईमेल सामने आया है। इस ईमेल में अनिल अंबानी का जिक्र है। राहुल ने आरोप लगाया कि राफेल सौदे से पहले अनिल अंबानी फ्रांस के रक्षा मंत्री से मिले। एक ईमेल की कॉपी भी राहुल गांधी ने दिखाई। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राफेल घोटाले में अब और कितना सबूत चाहिए…अभी और सबूत निकलेंगे।राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर मोदी सरकार और अनिल अंबानी पर मिलीभगत के आरोप लगाए। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि एक ईमेल सामने आया है, जिससे ज़ाहिर है कि जो बात रक्षामंत्री, विदेश सचिव किसी को भी नहीं मालूम थी, वह अनिल अंबानी को मालूम थी कि राफेल पर एमओयू साइन होने वाला है। अनिल अंबानी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिचौलिये के रूप में काम कर रहे थे।कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को अब इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर अनिल अंबानी को 10 दिन पहले राफेल डील के बारे में कैसे पता चल गया? रक्षा मंत्री एचएएल और विदेश सचिव को जानकारी नहीं थी, लेकिन अनिल अंबानी को सब पता था। अगर ऐसा है, तो प्रधानमंत्री ने ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट’ का उल्‍लंघन किया है। इस आधार पर उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलना चाहिए। पीएम ने गोपनीयता की शपथ तोड़ी। अब इससे साफ हो गया है। पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया।’राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल डील के लिए जेपीसी की मांग करते हुए कहा, ‘मैंने पीएम से कहा कि आप हमारी या विपक्ष के नेताओं की जांच करिये, लेकिन राफेल की भी जांच करवाइये। जेपीसी गठित करिये, लेकिन वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि अब राफेल डील में करप्शन, प्रोसीजरल और सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन का मामला आ गया है। तीनों मामलों में कोई नहीं बचेगा।’गौरतलब है कि राफेल रक्षा सौदों को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर इस राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने की भी बात कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा का कहना है कि इस रक्षा सौदे में कोई घोटाला नहीं हुआ है, इसकी तस्‍दीक सुप्रीम कोर्ट भी कर चुकी है।

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