देहरादून।त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश होगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे सरकार का चुनावी बजट माना जा रहा है। बजट को रोजगार के लिहाज से युवाओं को रिझाने की खास कोशिश नजर आ सकती है, जबकि आजीविका के साधनों को बढ़ाने के लिए कृषि सेक्टर पर बजट में मेहर बरसने के आसार हैं। नए बजट का आकार 50 हजार करोड़ के इर्द-गिर्द रह सकता है।विधानसभा का बजट सत्र बीती 11 फरवरी से प्रारंभ हो चुका है। शुक्रवार को सत्र के चौथे दिन वित्त मंत्री प्रकाश पंत दोपहर चार बजे वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट को विधानसभा के पटल पर रखेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस चुनावी बजट में युवाओं, किसानों, महिलाओं, कारोबारियों समेत समाज के तकरीबन सभी तबकों को लुभाने की कोशिशें नजर आएंगी। खासतौर पर युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाओं को जगाने के लिहाज से बजट को अहम माना जा रहा है। सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के नए मौके सृजित करने की कोशिशें बजट में दिखाई पड़ सकती हैं। वैसे भी राज्य सरकार गरीब सवर्णो के लिए दस फीसद आरक्षण की व्यवस्था कर चुकी है। वहीं समूह-ग की भर्तियों में स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दिए जाने के प्रावधान के बाद रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बीते दिनों मंत्रिमंडल ने भी तमाम लोक-लुभावन फैसले लिए हैं। इन फैसलों की झलक बजट में दिखना तकरीबन तय है। मतदाताओं के हर वर्ग को नई घोषणाओं के जरिये गुलाबी अहसास कराया जा सकता है।हालांकि नए बजट में केंद्रपोषित योजनाओं पर राज्य की निर्भरता भी तय है। खासतौर पर अवस्थापना सुविधाओं में सड़कों, पुलों व अन्य निर्माण कार्यो के साथ ही पेयजल व सिंचाई सुविधा दूरदराज तक पहुंचाने पर सरकार का खास जोर रहने वाला है। इसके साथ ही पर्यटन विकास को लेकर भी सरकार की ओर से इस बार खास तैयारी के संकेत हैं। बजट का आकार चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में 45585.09 की तुलना में अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 में बजट आकार करीब 13 से 14 फीसद तक ज्यादा रह सकता है। माना जा रहा है कि बजट आकार 50 हजार करोड़ को पार कर सकता है।