उत्तराखंड में इस बार 83 फीसद कम हुई बारिश, सूखे की आहट

10 पर्वतीय और तीन मैदानी जनपदों वाले उत्तराखंड में मौसम की बेरुखी इस मर्तबा भारी पड़ सकती है। अक्टूबर से अब तक नाममात्र की बारिश होने से सूखे के आसार बनते दिख रहे हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि राज्यभर में अभी तक 83 फीसद कम बारिश हुई है। चार जनपदों में तो बूंद तक नहीं बरसी, जबकि पिथौरागढ़ को छोड़कर अन्य जनपदों में 76 से 95 फीसद की कमी रही। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यदि अगले दो हफ्तों तक यही स्थिति रहती है तो रबी की मुख्य फसल गेहूं के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। फल-सब्जी उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। पढ़ें-उत्तराखंड सरकार ने सूखे की स्थिति पर अध्ययन के जारी किए निर्देश राज्य में खेती मैदानी, पर्वतीय व घाटी क्षेत्रों में विभक्त है। 95 में से 71 विकासखंडों में खेती पूरी तरह बारिश पर निर्भर है। यदि वक्त पर वर्षा हो गई तो ठीक, अन्यथा खेतों से अन्न का दाना तक नसीब नहीं होता। इस मर्तबा रबी की फसल के लिए हालात ऐसे ही बन रहे हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है, जहां अक्टूबर में गेहूं की बुआई हो गई थी। मैदानी क्षेत्रों में नवंबर से दिसंबर तक बुआई होती है। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो एक अक्टूबर से 14 दिसंबर तक राज्य में 75.6 मिमी वर्षा होती है, लेकिन इस मर्तबा हुई महज 12.5 मिमी। इसके बाद भी बदरा रूठे-रूठे हैं और फिलहाल बारिश के आसार भी नहीं दिख रहे। पढ़ें: हरिद्वार के धनौरी में हाथियों का तांडव, गन्ने और धान की फसल को रौंदा सूखे की इस आहट के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव एस.रामास्वामी को सूखे की स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने भी इस बारे में सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है, ताकि प्रभावित किसानों को कुछ राहत मुहैया कराई जा सके। हालात हो सकतें हैं विकट कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी (देहरादून) के प्रभारी अधिकारी डॉ.एसएस सिंह के मुताबिक रबी की मुख्य फसल गेहूं के साथ ही दलहन-तिलहन और फल-सब्जियों के लिए सर्दियों की बारिश अहम है। यदि अगले दो सप्ताह में भी बारिश नहीं हुई तो हालात विकट हो सकते हैं। पढ़ें- पथरी क्षेत्र में हाथियों का आतंक, तहस-नहस की फसल सप्ताह भर बारिश की उम्मीद नहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार बारिश के अभाव में भूमि में नमी की कमी है, जो खेती के लिए नुकसानदेह हो सकती है। फिलहाल हफ्तेभर तक बारिश की संभावना भी नहीं है। रबी का रकबा 227374 हेक्टेयर गढ़वाल मंडल 176055 हेक्टेयर कुमाऊं मंडल

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