देहरादून।आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य शोएब अहमद लोन का एनकाउंटर होने के बाद दून की एक कश्मीरी छात्रा ने सोशल मीडिया पर उसके लिए जन्नत नसीब होने की दुआ की थी। शोएब दून का ही छात्र रह चुका था और पिछले साल जून में पढ़ाई बीच में छोड़कर आतंकवादी बन गया था। उसे जन्नत की दुआ करने वाली कश्मीरी छात्रा भी उसी कॉलेज की छात्रा है। सूत्रों की मानें तो ये छात्रा भी कमेंट करने के बाद से गायब है। सुरक्षा एजेंसियां उसके बारे में जानकारी जुटा रही हैं। साथ ही सोशल मीडिया की मानीटरिंग भी की जा रही है।दून में पढ़ाई कर चुका आतंकी शोएब अहमद लोन पिछले साल जून महीने में अचानक गायब हो गया। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तब लगी, जब सोशल मीडिया पर उसकी आतंकी बनने की पोस्ट वायरल हुई। उसकी जानकारी जुटाने के साथ सेना ने उसे राडार पर ले लिया। बीते बुधवार को सेना ने उसे मार गिराया। सोशल मीडिया पर उसकी फोटो पोस्ट करते हुए राबिया नाम की एक कश्मीरी छात्रा ने टिप्पणी की कि शोएब को जन्नत नसीब हो। इस पर प्रेमनगर में हंगामा खड़ा हो गया। हालांकि सूत्रों की मानें तो राबिया कई दिनों से गायब है। वहीं चर्चा यह भी है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। उधर, संस्थान ने छात्रा को नोटिस जारी कर कॉलेज आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उसे एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों की टिप्पणी की आड़ में कुछ शरारती तत्व खुन्नस निकालने में लग गए हैं। ऐसे ही नींबूवाला के एक शैक्षणिक संस्थान में नौकरी कर चुके एक शख्स ने टिप्पणी कर दी। उसने लिखा कि तकनीकी योग्यता और पर्वतीय होने के बाद भी उसे निकालकर मुस्लिम युवक को नौकरी पर रख लिया गया। पुलिस ने जब इसकी जांच की तो पता कि शख्स संस्थान में छह-सात महीने पहले डीजल चोरी के आरोप में पकड़ा गया था और उस पर संस्थान के अधिकारियों के बीच की बातचीत चोरी-छिपे रिकार्ड करने का भी आरोप है। इसी के चलते उसे नौकरी से निकाला गया था।पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर कई और कश्मीरी छात्रों पर पुलिस शिकंजा कस सकती है। इसकी संभावना इसलिए भी बढ़ गई है कि पुलिस प्रेमनगर क्षेत्र में जुलूस की आड़ में हंगामा करने वाले एक दर्जन लोगों का पुलिस एक्ट में चालान करने के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट की भी बारीकी से जांच कर रही है।बता दें, बीते दिनों कश्मीरी छात्र कैशर राशिद ने शहीदों को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद ही प्रेमनगर क्षेत्र में बवाल हो गया था। पुलिस कैशर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज चुकी है। लेकिन इसके बाद भी शहीदों के अपमान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस विवादित टिप्पणी करने वालों के साथ ही उन लोगों पर भी नजर रख रही है, जो जुलूस की आड़ में हंगामा खड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट की जांच की जा रही है। जिसकी भी भूमिका संदिग्ध पाई जाएगी, उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।आइजी गढ़वाल अजय रौतेला भी रविवार प्रेमनगर पहुंचे। स्थानीय पुलिस के साथ उन्होंने कई शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया और स्थिति का जायजा लिया।पुलवामा हमले के बाद कश्मीरी छात्रों की ओर से सोशल मीडिया पर जिस तरह से प्रतिक्रिया दी गई, उसे लेकर दून समेत पूरे उत्तराखंड में विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। हालात को देखते हुए देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में कई संस्थानों ने एक सप्ताह का अवकाश घोषित कर दिया है। इसी इलाके में ज्यादातर कश्मीर छात्र रहते हैं। अवकाश घोषित होने के बाद अधिकतर छात्र-छात्राएं घर लौटने लगे हैं। हालांकि इन संस्थानों के बाहर एहतियातन पुलिस फोर्स तैनात है।गुरुवार को सीआरपीएफ के जवानों की शहादत की सूचना से दून में उबाल आ गया। शुक्रवार को माहौल उस समय और अधिक तनावपूर्ण हो गया था, जब देहरादून में पढऩे वाले कुछ कश्मीरी छात्रों की ओर से सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां वायरल की गईं। इनमें से एक छात्र कैशर राशिद को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। शनिवार को ही जुलूस को देख कुछ कश्मीरी छात्राओं ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिए। जिसके बाद तनाव और बढ़ गया। बामुश्किल पुलिस ने हालात पर काबू पाया। रविवार को सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें चलती रहीं। इस पर एसएसपी निवेदिता कुकरेती और एसपी सिटी श्वेता चौबे ने फोर्स के साथ प्रेमनगर पुहंची और हालात का जायजा लिया। एसपी सिटी तो देर शाम तक प्रेमनगर में ही डेरा डाले रहीं। पुलिस सूत्रों के अनुसार कई कश्मीरी छात्र व छात्राएं माहौल को देखते हुए अपने घरों को लौटने लगे हैं। देर शाम एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन और हास्टल संचालकों के साथ बैठक कर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश दिए। वहीं अफवाह फैलाने वालों के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करने को भी कहा।पुलवामा को लेकर कश्मीरी छात्रों की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर उत्तराखंड पुलिस ने रविवार को एडवाइजरी जारी की है। पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड आर्डर) अशोक कुमार ने कश्मीरी छात्रों को सुरक्षा का भरोसा देते हुए कहा कि वह किसी भी सूरत में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट न करें। पुलवामा हमले को लेकर लोगों में गम और गुस्सा है, ऐसे में कश्मीरी छात्र लोगों की भावनाओं न भड़कायें। शनिवार को कुछ कश्मीरी छात्राओं के हास्टल के बाहर स्थानीय लोंगों के प्रदर्शन के छात्राओं को कमरे में बंद होने को मात्र अफवाह बताते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। कश्मीरी छात्र और छात्राओं को डरने की जरूरत नहीं। पुलिस हर जगह मौजूद है। उन्होंने बताया कि शनिवार को कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई थी। इसी क्रम में सभी जिलों को सुरक्षा के लिए अलर्ट किया गया है।दून में रह कर पढ़ाई करने वाली कुछ कश्मीरी छात्राओं की ओर से रविवार को फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया गया। इस वीडियो में छात्राओं ने कहा कि वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उनके साथ किसी तरह का दुव्र्यवहार नहीं हुआ है। उन्हें पुलिस पर पूरा भरोसा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कश्मीरी छात्रों को लेकर कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं। देहरादून में कश्मीरी छात्रों से मारपीट या प्रताड़ित करने की कोई घटना नहीं हुई है। कानून व्यवस्था बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। जो भी कानून हाथ में लेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।