देहरादून। जम्मू के पुलवामा में शनिवार को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद देहरादून निवासी मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन को रखा गया। शहीद की पत्नी निकिता, मां, दादी और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल। इस दौरान शहीद की पत्नी ने कहा जयहिंद। साथ ही पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया। बोली आई लव यू विभू।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अद्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल समेत कई मंत्री, विधायक, सेना, शासन प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद हैं। सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी जा रही। हजारों का जन सैलाब मौजूद है। लोग भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैैं । शहीद विभूति अमर रहे के नारे भी लग रहे। शहीद की अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए प्रस्थान कर चुकी है।
दून के सब्र का प्याला तब छलक पड़ा, जब यह पता चला कि दून का एक और लाल देश पर कुर्बान हो गया है। दूनवासी अभी शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत के शोक में डूबे थे और नम आंखों से अपने जांबाज को अंतिम विदाई दे रहे थे कि तभी दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत की खबर से दूनवासियों को गहरा धक्का लगा। देर शाम मेजर विभूति का पार्थिव शरीर देहरादून लाया गया। मंगलवार को शहीद का हरिद्वार में राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
डंगवाल मार्ग निवासी मेजर विभूति की खबर के साथ ही लोग भरी आंखों के साथ उनके निवास स्थल पर जुटने लगे थे। हालांकि, घर पर सिर्फ दादी व मां सरोज ढौंडियाल थी। ऐसे में उन्हें देर शाम तक भी यही जानकारी दी जाती रही कि विभूति घायल हैं और जल्द ठीक हो जाएंगे। सिर्फ शहीद की छोटी बहन वैष्णवी को ही इस बात की जानकारी थी और वह दादी व मां को ढाढस बंधा रही थी। शहीद तीन बहनों के इकलौते भाई थे और उनके पिता ओमप्रकाश ढौंडियाल का वर्ष 2012 में देहांत हो चुका है।