33 घंटे 49 मिनट चला विधानसभा का बजट सत्र

देहरादून।विपक्ष के सदन से वाकआउट के बाद राज्य विधानसभा का बजट सत्र सरकार द्वारा विनियोग विधेयक पारित करने के साथ ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।सत्र के अंतिम दिन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए आरक्षण) विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके अलावा उत्तराखंड (संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम, 1910) (संशोधन) विधेयक भी सदन में पारित किया गया।सदन में भोजनावकाश के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए आरक्षण) विधेयक प्रस्तुत किया। विपक्ष ने इसका समर्थन तो किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मात्र आरक्षण देने से काम नहीं चलेगा। सरकार इन्हें रोजगार देना भी सुनिश्चित करे।इसके बाद विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू होने पर कांग्रेस ने विभागीय बजट की प्रतियां उपलब्ध न कराए जाने पर आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उन्हें मात्र पेन ड्राइव दी गई है। सदन में बजट सत्र के दौरान एक दिन पूर्व विभागीय बजट दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई थी। बजट की प्रतियां न मिलने से वे किस प्रकार इस पर चर्चा कर सकते हैं।सरकार पर सदन में चर्चा से बचने के लिए विभागीय बजट की प्रतियां उपलब्ध न कराने का अरोप लगाते हुए विपक्ष कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष के वाकआउट करने के बाद मंत्रियों द्वारा विभागीय बजट प्रस्तुत किया गया। कटौती का प्रस्ताव न मिलने के कारण बिना किसी चर्चा के 17 विभागों का बजट पारित किया गया। विभागीय अनुदान मांगें पारित होने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने विनियोग विधेयक रखा, जिसे विपक्ष की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से पारित किया गया। सदन के शेष कार्य के पश्चात पीठ ने सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

 

 

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