उत्तर प्रदेश के वाराणसी का मिसिरपुर पहला कैशलेस गांव बना है। इसको कैशलेस बनाने की पहल बैंक ऑफ बड़ौदा ने की है। कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए किसानों को स्मार्टफोन तो दुकानदारों को माइक्रो एटीएम मशीन उपलब्ध करवायी गई हैं। शहर में किन्नर भी अब स्वाइप मशीन के जरिए नेग के रुपये ले रहे हैं।
किन्नरों के स्वाइप मशीन से नेग लेने के बाद अब शहर की प्रमुख मिठाई व गोलगप्पा की दुकानों, यहां तक कि सैलून में भी स्वाइप मशीन से पेमेंट ली जा रही है। कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के मिसिरपुर गांव को गोद लिया है। लोगों में जागरुकता लाने के लिए मंगलवार को गांव में जनसभा हुई।
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बैंक के वाराणसी क्षेत्र प्रमुख शिशिर भूषण प्रसाद ने कहा कि कैशलेस ट्रांजेक्शन से देश में कालेधन की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘मेरा मोबाइल, मेरा बैंक, मेरा बटुआ’ योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को 10 हजार तक का स्मार्टफोन दो वर्ष के लोन पर दिया जाएगा। गांव में फ्री वाई-फाई जोन बनने से 50 मीटर के दायरे में लोग इंटरनेट का मुफ्त इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मौके पर किसानों में स्मार्ट फोन वितरित किए गए।
बैंक के उप-क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार ने बताया कि स्मार्ट फोन में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रदत्त डिजिटल ऐप एम-कनेक्ट, एम-बड़ौदा, एम-क्लिप व एम-पासबुक आदि मौजूद हैं।
बैंक ने दी यह सुविधा
– सभी नए-पुराने 2200 खाताधारकों को एटीएम कार्ड जारी किए गए।
– चाय, पान, बार्बर व किराना के 25 दुकानदारों को नि:शुल्क माइक्रो एटीएम मशीन दी गईं।
– किसान क्रेडिट कार्ड धारक 25 किसानों को लोन पर स्मार्ट फोन दिया गया।