भाजपा पिछले कई चुनावों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में कमजोर साबित हुई है। पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल जीतने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। चार दिशाओं से निकली भाजपा की परिवर्तन यात्रा में भी इसके लिए विशेष योजना बनाई गयी और आगे भी पार्टी इसी रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चौथे चरण की परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ नौ नवंबर को बलिया से किया। इसके पहले मई में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलिया से उज्ज्वला योजना का शुभारंभ कर चुके थे। बलिया से निकली यह यात्रा 107 विधानसभा क्षेत्रों से होकर 24 दिसंबर को लखनऊ पहुंचेगी। इस अंचल के प्रति भाजपा की तैयारियों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बाकी क्षेत्रों की यात्राओं में मोदी के सिर्फ एक-एक कार्यक्रम लगाए गये, जबकि इस रूट पर उनकी तीन रैलियां आयोजित की गयी।
बलिया की यात्रा के छठे दिन गाजीपुर में मोदी की पहली परिवर्तन रैली हुई और फिर 19वें दिन कुशीनगर में दूसरी रैली आयोजित हुई। प्रधानमंत्री की तीसरी रैली 11 दिसंबर को बहराइच में थी जिसमें मौसम की खराबी की वजह से उनका हेलीकॉप्टर उतर नहीं सका और उन्होंने मोबाइल फोन से ही लोगों को संबोधित किया। इस बीच 22 दिसंबर को मोदी का उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी दौरा है। इतनी कम अवधि में प्रधानमंत्री के इस व्यापक दौरे को भाजपा की चुनावी तैयारियों का सबसे अहम हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा के प्रदेश मंत्री और बलिया यात्रा के प्रभारी कामेश्वर सिंह कहते हैं कि ’46 दिनों तक चलने वाली पूर्वांचल की परिवर्तन यात्रा को अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला है और प्रधानमंत्री की तीन रैलियों ने भाजपा का मजबूत आधार बनाया है। कामेश्वर का दावा है कि ‘इस बार पूर्वांचल भाजपा के लिए इतिहास रचेगा। भाजपा के 50 बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री पूर्वांचल की सभाओं को संबोधित कर चुके हैं। बलिया से निकली यात्रा गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा, बस्ती, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर, फैजाबाद और बाराबंकी जिलों से होकर लखनऊ पहुंचेगी। भाजपा के लिए ये 18 जिले बेहद महत्वपूर्ण हैं।
लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ को छोड़कर इन सभी जिलों में भाजपा का ही परचम फहराया है। विधानसभा चुनाव में 2014 दोहराने के लिए भाजपा ने बूथ सम्मेलन, विधानसभा सम्मेलन, महिला, पिछड़ा, युवा और दलित सम्मेलनों के जरिए भाजपा ने चौतरफा समीकरण साधने पर जोर दिया है। दूसरे दलों के कद्दावर नेताओं को भी भाजपा ने यहां शामिल कराया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, पिछली लोकसभा में बसपा दल के नेता रहे दारा सिंह चौहान समेत बसपा, सपा और कांग्रेस के कई विधायक भी भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन के मोर्चों में भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के नेताओं को तरजीह दी है। इसे भाजपा की चुनावी तैयारी से ही जोड़ कर देखा जा रहा है।