देहरादून। लोक निर्माण विभाग नाबार्ड की मदद से राज्य की 340 सड़कों का कायाकल्प करेगा। इसके लिए शासन ने 50 करोड़ की टोकन मनी विभाग को जारी कर दी है। ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड से यह कार्य किए जाएंगे। इसमें अधिकांश सड़कें कृषि और बागवानी क्षेत्र से जुड़ी हैं। 2020 तक इन सड़कों का काम पूरा कर लिया जाएगा। शासन की स्वीकृति के बाद लोनिवि मुख्यालय ने खंड और जिलेवार यह बजट आवंटित कर दिया है।
राज्य और केंद्र की मदद के अलावा लोक निर्माण विभाग कृषि, बागवानी और ग्रामीण इलाकों की सड़कों के निर्माण में नाबार्ड से वित्तीय मदद लेता है। इस साल भी लोनिवि ने ग्रामीण इलाकों के करीब 400 सड़कों के प्रस्ताव नाबार्ड को भेजे गए थे। इनमें से नाबार्ड ने 340 सड़कों को स्वीकृति दे दी है। इन सड़कों पर नाबार्ड 310 करोड़ रुपये तीन किश्तों पर खर्च करेगा।
पहली किश्त के रूप में 50 करोड़, दूसरी 170 और तीसरी किश्त 90 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। नाबार्ड से बजट मिलने के बाद शासन ने 50 करोड़ की रकम खंड और विभागवार आवंटित कर दी है।
ईई और एसई की जिम्मेदारी तय
लोनिवि ने यह शर्त रखी गई है कि जो भी निर्माण सामग्री पुल और सड़क निर्माण में लगेगी, उसका प्रयोगशाला से परीक्षण जरूरी किया जाएगा। यदि बिना प्रयोगशाला परीक्षण के सामग्री का उपयोग किया या फिर तय डिजाइन के विपरीत सड़कें बनाई तो इसके लिए अधिशासी अभियंता और अधीक्षक अभियंता की जिम्मेदारी तय होगी।
अधूरे काम पर बदलेगी एजेंसी
निर्माण के अनुबंध के बाद यदि कोई संस्था अधूरा काम कर बीच में छोड़ देती है तो ऐसे में अनुबंध खत्म कर नई एजेंसी को कार्य सौंपा जाएगा। हर हाल में योजना को समय पर पूर किया जाएगा। इसके अलावा आवंटित धनराशि और काम को तय समय पर पूरा किया जाना जरूरी होगा।
लोनिवि के प्रमुख अभियंता एचसी पुरोहित ने बताया कि नाबार्ड वित्त पोषित योजनाओं के लिए 50 करोड़ की धनराशि शासन ने स्वीकृत की है। यह रकम जनपद और खंडवार आवंटित कर दी है। तय समय पर सभी निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि ग्रामीण इलाके सड़क मार्ग से जुड़ जाएं।
जिलेवार काम और बजट-
जनपद, स्वीकृत सड़कें, स्वीकृत बजट
अल्मोड़ा, 58, 452.310 लाख
बागेश्वर, 34, 411.940 लाख
चंपावत, 03, 200.000 लाख
ऊधमसिंहनगर, 15, 277.140 लाख
नैनीताल, 18, 75.000 लाख
उत्तरकाशी, 29, 202.700 लाख
देहरादून, 17, 474.420 लाख
हरिद्वार, 20, 1076.560 लाख
रुद्रप्रयाग, 23, 104.170 लाख
चमोली, 27, 409.200 लाख
टिहरी, 62, 732.310 लाख
पौड़ी, 51, 584.250 लाख