देहरादून। परेड ग्राउंड में आयोजित प्रथम युवा उत्तराखंड-उद्यमिता एवं रोजगार की ओर कार्यक्रम में पार्टी के अपने ही विधायक, मंत्री एवं शहर के प्रथम नागरिक महापौर नाराज हो गए। जो पार्टी में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, कौशल विकास मंत्री को बोलने का मौका न दिए जाने पर भी कई तरह की बाते की जा रही हैं।समारोह स्थल के मुख्य मंच पर मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों एवं गणमान्य लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, विधायक राजपुर रोड खजानदास व महापौर सुनील उनियाल गामा के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिससे दोनों नेता भड़क गए और कार्यक्रम से उठकर चले गए।उधर, कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में वन पर्यावरण एवं कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को बोलने का मौका न दिया जाना चर्चा का विषय बना रहा। बताते हैं कि उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री से पहले डॉ. रावत का संबोधन होना था, मगर ऐन वक्त पर सीधे मुख्यमंत्री का ही संबोधन करा दिया गया। इसे लेकर कार्यक्रम के दौरान चर्चा होती रही। हालांकि, कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने इस संबंध में पूछने पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। इतना जरूर कहा कि कौशल विकास से संबंधित सत्र में तो उन्होंने भाषण दिया ही। उधर, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी पर्यटन पर आधारित सत्र में नजर नहीं आए।राजपुर विधायक खजानदास के अनुसार जो भी बड़े कार्यक्रम होते हैं उनमें प्रोटोकॉल के तहत क्षेत्रीय विधायक व महापौर को उचित स्थान देने की व्यवस्था है। युवा उत्तराखंड-उद्यमिता एवं रोजगार की ओर कार्यक्रम में अनदेखी की गई। यह बड़ी चूक है। इसके स्तर पर भी हुई यह चिंताजनक है। मैं पार्टी फोरम में यह बात रखूंगा। जरूरत पड़ी जो विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का मामला भी लाऊंगा। मान-सम्मान सभी का होता है लिहाजा हमने कार्यक्रम का बहिष्कार किया।महापौर सुनिल उनियाल गामा ने कहा कि मंच पर हमारे बैठने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। शहर का प्रथम नागरिक होने का सम्मान नहीं दिया गया। प्रोटोकॉल मंत्री को इसकी व्यवस्था देखनी चाहिए थी। मंच पर बैठने की व्यवस्था न होने से मैं कार्यक्रम को छोड़कर वापस घर लौट गया। मेरी नाराजगी न सरकार से है और पार्टी से। मौके पर अनदेखी से जरूरत आहत हुआ हूं।