देहरादून।करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण और राजस्व विभाग की धड़कनें तेज हो गई हैं। आवेदन को स्वीकृति, बजट जारी और सत्यापन करने वालों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इसके लिए एसआइटी पूछताछ के साथ ही गिरफ्तारी के लिए शासन से अनुमति लेने की तैयारी में जुट गई है। जल्द कुछ भ्रष्टाचारियों पर एसआइटी कार्रवाई कर सकती है।समाज कल्याण विभाग में 2012 से 2017 के बीच बांटी गई दशमोत्तर छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला हुआ है। इसके प्रमाण हरिद्वार जिले में एसआइटी की कार्रवाई से मिल रहे हैं। अभी तक एसआइटी ने सिर्फ छह शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की। इसमें छह संचालकों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, घोटाले में बड़े गैंग से भी एसआइटी इन्कार नहीं कर रही है। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में कॉलेज संचालकों पर कार्रवाई होगी। इसके बाद समाज कल्याण विभाग और राजस्व विभाग पर कार्रवाई होनी तय है।इसमें छात्रवृत्ति आवेदन स्वीकृत करने, आय प्रमाणपत्र जारी करने, बजट जारी करने, सत्यापन रिपोर्ट देने वालों पर कार्रवाई होगी। इसके लिए एसआइटी संचालकों की गिरफ्तारी के साथ-साथ भ्रष्टाचारियों की सूची तैयार कर रही है। ताकि इस मामले में एसआइटी एक के बाद एक भ्रष्टाचारियों को सलाखों के भीतर पहुंचा सके। इसके लिए पूछताछ करने के साथ ही गिरफ्तारी के लिए शासन से भी अनुमति मांगी जाएगी।विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि 2012 से 2017 के बीच बतौर समाज कल्याण अधिकारियों की सूची बना ली है। इनके गिरफ्तारी के लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। अफसरों ने सत्यापन में दी थी क्लीन चिट हरिद्वार में जिन छह शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एसआइटी कार्रवाई कर चुकी हैं, उनको तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, समाज कल्याण अधिकारी क्लीन चिट दे चुके थे। सूत्रों का कहना है कि सत्यापन में कई अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी एसआइटी ने सवाल खड़े किए हैं।