देहरादून। यू-हेल्थ कार्ड योजना के लाभार्थियों के लिए एक राहत की खबर है। आखिरकार चार दिन बाद मरीजों को इस योजना के तहत पुन: इलाज मिलना शुरू हो गया है। लाभार्थी इस वित्तीय वर्ष का अपना अंशदान जमा कर उपचार ले सकते हैं। बता दें, एक अप्रैल से यू-हेल्थ कार्ड योजना के लाभार्थियों को इलाज मिलना बंद हो गया था। इससे डायलिसिस करा रहे व अन्य गंभीर मरीजों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी।राज्य में वर्ष 2012 में राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए यू-हेल्थ कार्ड योजना लागू की गई थी। तब इसे स्वैच्छिक रखा गया था। वर्ष 2017 में सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया। इसके सही संचालन के लिए सोसाइटी के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।गत वर्ष अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत के साथ यह निर्णय लिया गया कि यू-हेल्थ को भी इसमें मर्ज किया जाएगा। प्रदेश के करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को इसका फायदा मिलेगा। गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी घोषणा भी की, लेकिन अभी तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है।इस बीच यू-हेल्थ योजना के तहत इम्पैनल्ड अस्पतालों का अनुबंध 31 मार्च को खत्म हो गया। इस कारण अस्पतालों ने मरीजों को उपचार देना बंद कर दिया। दैनिक जागरण ने यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद विभाग ने इसका संज्ञान लिया।स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल ने बताया कि अस्पताल अग्रिम आदेशों तक मरीजों को इलाज देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के लाभार्थी अभी अपना अंशदान भी देते रहें। बाद में यह योजना अटल आयुष्मान में मर्ज होने पर यह रकम एडजस्ट कर दी जाएगी।श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि इस बावत स्वास्थ्य विभाग से निर्देश मिल गए हैं। जिस किसी भी व्यक्ति ने इस वित्तीय वर्ष का अंशदान जमा किया है वह उपचार के लिए पात्र है।