देहरादून। ऊर्जा निगम ने मीटर रीडिंग, बिलिंग, कलेक्शन व भुगतान प्राप्ति का कार्य निजी हाथों में सौंप दिया है। यह काम मोहाली की एक कंपनी को दिया गया है। निगम के इस फैसले के बाद संविदा कर्मियों और उपनल कर्मियों में आक्रोश फैल गया है। उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने तत्काल कंपनी से अनुबंध निरस्त करने की मांग की है।
अभी तक मीटर रीडिंग, बिलिंग, कलेक्शन व भुगतान का कार्य निगम में कार्यरत संविदा और उपनल कर्मी करते हैं। वर्तमान में प्रदेश में लगभग एक हजार से ज्यादा कर्मचारी उपनल और संविदा से कार्यरत हैं, लेकिन अब ऊर्जा निगम ने इस कार्य को मोहाली की मैमर्स टीडीएस मैनेजमेंट कन्सलटेंट प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया है।
इस कंपनी के साथ निगम की ओर से दिसंबर में 2017 में अनुबंध किया गया था, लेकिन उस समय भारी विरोध होने के कारण निगम ने इसे रोक दिया था। अब रुड़की, हरिद्वार, कोटद्वार में कंपनी के लोगों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। ऊर्जा निगम ने इस संबंध में न तो पहले से यह कार्य कर रहे कर्मचारियों को सूचना दी और न ही उन्हें कोई अन्य कार्य आवंटित किया। इससे इन कर्मचारियों को अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है।
उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि ऊर्जा निगम के निर्णय से हजारों कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। यह न तो निगम के लिए बेहतर है और न ही उपभोक्ताओं के लिए। प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने तत्काल अनुबंध को निरस्त करने की मांग की है।