आग बुझाने से बेतर है इसकी रोकथाम

देहरादून। आग बुझाने से बेहतर, आग की रोकथाम नारे के साथ सीआइएसएफ ने ओएनजीसी में अग्निशमन सेवा सप्ताह का शुभारंभ किया। इस मौके पर 14 अप्रैल 1944 को बॉम्बे डॉक यार्ड में हुए अग्निकांड में शहीद अग्निशमन फायर कर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। अग्निशमन सेवा सप्ताह का शुभारंभ ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक वाईएस श्रीवास्तव ने किया।इस दौरान उन्होंने जवानों को अग्निशमन की शपथ दिलाई और अग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आम जनमानस को जागरूक करने की अपील की। इस मौके पर सीआरपीएफ के सहायक कमांडेट डीडी राम, नरेंद्र कुमार, बीसी खंडूड़ी, डीजीएम फायर पवन कुमार, डिप्टी मैनेजर फायर एनएन पेंगिन आदि मौजूद थे। इस मौके पर आग के प्रति सावधानी बरतने व जागरूकता के लिए बैनर जारी किया गया। सप्ताह के अंतर्गत 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक ओएनजीसी के कर्मचारियों, आरआइएमसी, महिला पॉलिटेक्निक, श्रमिकों, स्कूली बच्चों, घरेलू महिलाओं एवं अन्य के लिए अग्निशमन से संबंधित चित्रकला, निबंध प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।गांधी रोड स्थित अग्निशमन विभाग ने अग्निशमन सेवा दिवस पर साल 1944 में मुंबई के बंदरगाह पर इंग्लैंड के जहाज की आग बुझाते शहीद हुए फायरकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही वर्तमान की चुनौतियों और उनसे निपटने पर मंथन किया। अधिकारियों ने बताया कि अग्निकांडों की गंभीरता को देखते हुए विश्व बैंक की मदद से त्यूणी और लालतप्पड़ में फायर स्टेशन खोले जाने का प्रस्ताव पास हो गया है। इस अवसर पर एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि अग्निशमन के संसाधन बढ़े हैं तो चुनौतियां भी बढ़ी हैं। अग्नि दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाना बेहद आवश्यक है।रविवार से एक सप्ताह तक चलने वाले अग्निशमन सेवा सप्ताह के तहत लोगों को न सिर्फ जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें छोटी-मोटी आग पर काबू पाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाए। मुख्य अग्निशमन अधिकारी एसके राणा ने बताया कि जनपद से कुल 73 फायर सर्विस कर्मचारियों को एडवास सर्च एंड रेस्क्यू प्रशिक्षण प्रदान कराया गया है। वहीं, सभी फायर स्टेशन कंप्यूटरीकृत और ऑनलाइन कर दिए गए हैं।इसके अतिरिक्त सिंगल विंडो सिस्टम से लोगों के एनओसी आदि पर काम हो रहा है।

 

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