देहरादून। दिल्ली से दून आ रही चार एसी स्लीपर डग्गामार बसों को रोडवेज और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने सीज कर दिया। इसके साथ की एक स्थानीय बस भी सीज की गई है। हैरानी वाली बात ये है कि सोमवार सुबह सीज की गई दो एसी स्लीपर बसें ऐसी हैं, जिन्हें पिछले हफ्ते भी सीज किया गया था। ये बसें चालान भुगतने के बाद दोबारा मार्ग पर डग्गामार में आ गईं।
डग्गामार बसों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार सुबह पांच बजे से टीमें चेकिंग कर रही थी। इस बीच वाया हरिद्वार और ऋषिकेश होकर आने वाली बसों की चेकिंग की गई। यहां एकाएक चार बसें पकड़ में आईं। एसी (यूपी15डीटी-7131) स्लीपर बस में 32 सवारी थी, जिनमें तीन डोईवाला से बैठाई गई थी जबकि बाकी 29 दिल्ली से आ रही थी। लक्ष्मी हॉलिडे की एसी स्लीपर बस यूपी81सीटी-1699 फिर पकड़ी गई। इसमें 40 सवारी थी।
वहीं टीम ने क्लासिक ट्रेवल्स कंपनी की (यूपी17एटी -2363) एसी स्लीपर बस भी पकड़ी और इसमें 55 सवारी मिलीं। ये बस दिल्ली से हरिद्वार-ऋषिकेश होकर दून लौट रही थी। इसके अलावा (यूपी22एटी-2851) एसी स्लीपर बस भी पकड़ी गई। जिसमें 25 सवारी थी। आइएसबीटी के पास डग्गामारी में एक लोकल बस (यूके07पीसी-1011 ) भी पकड़ी गई। जिसे सीज कर दिया गया है।
एक हफ्ते में छूटी सीज बसें
डग्गामार संचालकों की पहुंच व धमक का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो बसें एक हफ्ते में ही रीलीज कर दी गई। सोमवार को पकड़ी गई 1699 और 2363 बस को संयुक्त टीम ने 22 अप्रैल को डग्गामारी में सीज किया था। बसों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे न चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस। बसों की लंबाई और सीटें भी मानक से ज्यादा थी। बावजूद इसके ये बसें एक हफ्ते में आरटीओ दफ्तर से छोड़ दी गई। सूत्रों की मानें तो डग्गामार संचालकों की तरफ से कुछ राजनेताओं की पैरवी के कारण बसें छोड़ी गईं।