गोरखपुर। गोरखपुर के पास स्थित एक छोटे से गांव बनवारी टोला में पली-बढ़ी, ज्योति (18) और नेहा (16) गोरखपुर अपने ही गांव में अपनी नाई की दुकान (बार्बरशॉप) चलाती हैं। समाज की लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देते हुए, इन लड़कियों ने अपने पिता की नाई की दुकान को अच्छी तरह से संभाला है और इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित किया कि उनकी पढ़ाई भी ना छूटे। उनके हौंसले को देखते हुए जिलेट ने नेहा और ज्योति, दोनों को अपने गांव में एक मिसाल कायम करने के लिए सम्मानित करने का कदम उठाया है। उनकी प्रेरणादायक कहानी जिलेट द्वारा एक गैर-परंपरागत विज्ञापन फिल्म के माध्यम से सुनाई गई है, जो वर्तमान में 25 मिलियन व्यूज के साथ इंटरनेट पर वायरल हो गई है। जिलेट के वर्तमान में जारी ‘सफलता अपनी मुट्ठी में’ कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, इन दोनों लड़कियों को उनकी शिक्षा और व्यावसायिक आवश्यकताओं को कवर करने वाली एक स्कॉलरशिप प्रदान की गई है। जिलेट उन्हें रूढ़िवादी सोच और परंपराओं को चुनौती देने और अपनी सफलता के साथ लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए सलाम करता है। सचिन तेंदुलकर ने दोनों लड़कियों को जिलेट ‘सफलता अपनी मुट्ठी में’ स्कॉलरशिप प्रदान की। जिलेट एक प्रमुख सैलून एकेडमी के माध्यम से नेहा और ज्योति को स्टाइल और ग्रूमिंग के स्किल्स प्रदान करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, नेहा और ज्योति दोनों को भारत के एक प्रीमियम सैलून, हकीम’स आलिम में काम करने का अवसर मिलेगा।