देहरादून। अतिक्रमण को लेकर नगर पालिका परिषद की सभासद गीता कुमाईं की मुश्किल बढ़ती जा रही है। उनके सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में पालिका के अधिशासी अधिकारी ने एसडीएम मसूरी को अतिक्रमण की पुष्टि करने वाला पत्र भेज दिया है। यह पत्र गुम हो चुके उस अभिलेख से संबंधित है, जिसे दोबारा हासिल कर लिया गया है। इसमें यह साफ किया गया है कि अतिक्रमण वाली भूमि नगर पालिका के स्वामित्व वाली मीट एवं सब्जी बाजार की है, जिसका अधिग्रहण (1.278 एकड़ भूमि) वर्ष 1917 में ही कर लिया गया था। अधिशासी अधिकारी एमएल शाह ने एसडीएम से अतिक्रमण को हटाने का आग्रह भी किया है।नगर निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने के दौरान गीता कुमाईं ने शपथपत्र में उल्लेख किया था कि उन्होंने किसी भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया है। वहीं, एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी केदार सिंह ने गीता कुमाईं पर नगर पालिका परिषद की भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए आरओ के पास शिकायत दर्ज कराई थी।इसके जवाब में गीता ने कहा था कि भूमि पर भरत सिंह कुमाईं ने अतिक्रमण किया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि भरत सिंह उनके पति हैं और वह भी अतिक्रमण वाली भूमि पर बने भवन में रहती हैं। इस मामले में केदार सिंह ने हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की है, जिसके क्रम में कोर्ट पूर्व के आदेश में सरकार से 60 दिनों में जवाब दाखिल करने के लिए कह चुकी है।कोर्ट के आदेश के बाद नगर पालिका परिषद ने गुम हो चुकी उस पत्रावली को भी प्राप्त कर लिया, जिसमें स्पष्ट होता है कि अतिक्रमण वाली भूमि नगर पालिका परिषद के स्वामित्व वाली ही है। इसको लेकर अधिशासी अधिकारी एमएल शाह ने आगे की कार्रवाई के लिए प्रकरण को अब एसडीएम गोपाल राम बिनवाल को संदर्भित कर दिया है।