देहरादून। अटल आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े में प्रदेश के छह अस्पतालों को भारी अर्थदंड देना होगा। इनसे क्लेम की रकम की पांच गुना तक रिकवरी हो सकती है। योजना में इस बावत प्रावधान किया गया है। अटल आयुष्मान सोसाइटी जल्द इस पर अंतिम निर्णय लेगी।अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के छह निजी अस्पतालों में रेफरल के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। हद ये कि सरकारी अस्पतालों में संविदा पर तैनात चिकित्सक इसके सूत्रधार रहे। कहीं संविदा चिकित्सक ने अपने ही निजी अस्पताल को केस रेफर कर दिए, तो कहीं पत्नी ने पति के अस्पताल को। छह अस्पतालों में अभी तक तकरीबन 35 लाख का गलत भुगतान हुआ है।इस मामले में गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत को सौंप दी है। यह रिपोर्ट अब अटल आयुष्मान सोसाइटी की बैठक में रखी जाएगी। इसमें जो निर्णय लिया जाएगा उसी अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार उन चिकित्सकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज हो सकता है जिन्होंने मरीजों को खुद सरकारी अस्पताल में रेफर किया और फिर खुद ही मरीज का इलाज कर गलत ढंग से क्लेम हासिल किया।यह रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भी भेज दी गई है। क्योंकि संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति उन्हीं के स्तर पर होती है। इन चिकित्सकों की न केवल सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं बल्कि आगे के लिए भी ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल का कहना है कि इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।