बदरीनाथ। भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया। बदरी विशाल के दर्शनों के लिए तकरीबन दस हजार श्रद्धालु मध्य रात्रि के बाद से ही लाइन में खड़े हो गए थे। कपाट खुलने के बाद सभी श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किए। दर्शनार्थियों में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और पूर्व सीएम एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल थे। चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही अब यात्रा ने संपूर्ण रूप ले लिया है। तड़के करीब सवा तीन बजे दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश किया। साढ़े तीन बजे वीआइपी प्रवेश द्वार से मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल व वेदपाठी उद्धव जी की मूर्ति के साथ मंदिर में दाखिल हुए। उद्धव व कुबेर जी की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित करने से पहले मां लक्ष्मी को उनके मंदिर में विराजित किया गया। 3.35 बजे मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी में पूजा अर्चना शुरू हुई और सवा चार बजे बदरी विशाल के जयकारों के बीच कपाट खोले गए। इस दौरान वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वास्तिवाचन किया। सेना के बैंड की भक्तिमय धुन के बीच माणा और बामणी गांव की महिलाओं ने मंदिर परिसर में पारंपरिक लोकनृत्य दांकुड़ी की प्रस्तुति दी। बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन थपलियाल और मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह भी इस अवसर पर मौजूद थे।