देहरादून।आपातकालीन सेवा 108 पर कॉल करने वाले व्यक्ति को अब एंबुलेंस का नंबर, ड्राइवर का नाम व मोबाइल नंबर मैसेज किया जाएगा। ताकि सहायता मांगने वाले व्यक्ति या पीडि़त के परिजनों को एंबुलेंस के बारे में वास्तविक एवं सही जानकारी हो सके। वह एंबुलेंस के ड्राइवर से संपर्क में रहकर आश्वस्त हो कि एंबुलेंस निर्धारित समय पर पहुंचने वाली है। इसकेअलावा 108 एंबुलेंस के ड्राइवर को भी कॉल करने वाले व्यक्ति का मोबाइल नंबर व लोकेशन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध होगी, जिससे ड्राइवर को लोकेशन पर जल्द पहुंचने में आसानी होगी।108 सेवा का संचालन कर रही कंपनी कैंप (कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटीवेशन प्रोग्राम) ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सेवा को अत्यधिक प्रभावी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत एसएमएस के माध्यम से एंबुलेंस और पीडि़त व्यक्ति के मध्य संवाद कायम किया जाएगा।आपातकालीन सेवा 108 का संचालन ईंधन न होने के कारण बाधित न हो, इसके लिए भी प्रयास किए गए हैं। इस दिक्कत को दूर करने के लिए इंडियन ऑयल व ङ्क्षहदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा अनुमन्य पैट्रो कार्ड सभी एंबुलेंस चालकों को मुहैया करा दिए गए हैं। इस नई व्यवस्था को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है और अब पहाड़ी व मैदानी जनपदों में तैनात किसी भी 108 सेवा के वाहन में ईंधन आदि की समस्या नहीं रहेगी।आपातकालीन सेवा 108 की समस्त पुरानी एंबुलेंस फील्ड से हटा दी गई हैं। इनके बदले नई एंबुलेंस की तैनाती कर दी गई है। कुल 113 आपात कालीन एंबुलेंस 24 घंटे प्रदेशभर में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा 26 और एंबुलेंस भी जल्द बेड़े में शामिल होंगी। एक मई से 9 मई के बीच इस सेवा ने 1010 लोगों को राहत पहुंचाई है। जिसके तहत 407 प्रसव संबंधी मामले, 30 हृदय घात से संबंधित, 131 सड़क दुर्घटना एवं 433 अन्य आपात कालीन स्थितियों में सहायता की गई। इस अवधि में जीवनदायनी आपात कालीन सेवा में नौ सफल प्रसव भी कराए गए।कंपनी ने बताया कि 108 सेवा के बेड़े को संचालित करने के लिए अभी तक लगभग 600 कार्मिकों को तैनात कर दिया गया है। जिसमें 99 प्रतिशत कार्मिक उत्तराखंड राज्य के निवासी हैं। लगभग 40 प्रतिशत कार्मिक पूर्ववर्ती संस्था से ही अनुभव के आधार पर चयनित किए गए हैं।