नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने लोकसभा चुनाव खत्म होने से ठीक पहले अपने ‘नीच आदमी’ (neech aadmi) वाले बयान पर टिप्पणी करते हुए एकबार फिर देश के सियासी माहौल को गरमा दिया है। दरअसल, कांग्रेस नेता ने अपने एक लेख में साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर दिए गए अपने विवादित बयान ‘नीच किस्म का आदमी’ को ‘सही’ ठहराया है। वहीं भाजपा ने इस बयान पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए कांग्रेस नेता को ‘एब्यूजर इन चीफ’ (abuser-in-chief) बताया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अय्यर ने उक्त बयान के बारे में कहा कि ‘मैं अपने लेख के जरिए बताना चाहता हूं कि मैं अपने हर शब्द पर कायम हूं। मैं किसी तर्क वितर्क में नहीं पड़ना चाहता हूं।’ बता दें कि साल 2017 में मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘नीच किस्म का आदमी’ वाक्य का प्रयोग किया था। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान आए इस बयान को लेकर काफी सियासी हंगामा मचा था और इस बयान की तीखी आलोचना हुई थी। इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
ऐसे में जब लोकसभा के सातवें चरण का मतदान अभी बाकी है, मणिशंकर अय्यर ने अपने लेख में पूर्व के बयान को जस्टिफाई करते हुए सियासी सियासी तपिश बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल बयानों का हवाला देते हुए लिखा है, ‘याद है साल 2017 में मैंने मोदी को क्या कहा था, क्या मैंने सही भविष्यवाणी नहीं की थी…’ अय्यर ने कहा कि वह (नरेंद्र मोदी) सभ्य आदमी नहीं हैं। जैसा की देखा जा रहा है इस तरह की गंदी राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर जवानों की शहादत करने का भी आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के मौसम में अपने नेताओं की हालिया बयानबाजियों के कारण कांग्रेस को काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी हैं। अभी एक दिन पहले ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिया गया एक विवादित बयान सामने आया था। खड़गे ने रविवार को कर्नाटक के कलबुर्गी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वह (नरेंद्र मोदी) जहां भी जाते हैं, कहते हैं कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 40 सीटें भी नहीं मिलेंगी। क्या आपमें से कोई भी इस बात को मानता है…? यदि हमें (कांग्रेस) 40 से ज्यादा सीटें मिल गईं तो क्या मोदी दिल्ली के विजय चौक में फांसी लगा लेंगे…?
बता दें कि बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में सवालों को खारिज करते हुए कहा था कि ‘हुआ तो हुआ’। इस बयान को लेकर मचे सियासी हंगामे के बीच राहुल गांधी के संज्ञान लेने पर पित्रोदा ने शुक्रवार को माफी मांग ली थी। 1984 के सिख विरोधी दंगों में हजारों सिख मारे गए थे। यह काफी संवेदनशील मुद्दा माना जाता है, खासकर दिल्ली के लिए जिस पर इन दंगों का काफी बुरा असर पड़ा था।