देहरादून। गर्मी शुरू होते ही जलसंस्थान के ट्यूबवेल हॉफने लगे हैं। कहीं वाटर लेबल कम होने से समस्या उत्पन्न हो रही है, तो कहीं मोटर फुंकने के कारण ट्यूबवेलों का संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके इतर एक-दो ट्यूबवेल ऐसे भी हैं, जो गंदा पानी उगल रहे हैं। इससे लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है।दून में पानी की अधिकांश आपूर्ति ट्यूबवेल के भरोसे हैं। वर्तमान में दून के चारों जोन में करीब 269 ट्यूबवेल हैं और 116 ओवरहेड टैंक हैं। इन्हीं ट्यूबवेल से दून की करीब दस लाख जनसंख्या को पानी की आपूर्ति होती है। जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है। जलसंस्थान के यह ट्यूबवेल भी हांफने लगे हैं।दरअसल, दून में जितने भी ट्यूबवेल हैं, वह काफी बूढ़े हो चुके हैं। अधिकांश ट्यूबवेल के संचालन के लिए जो मोटरें लगाई गई है, वह भी सालों पुरानी हैं। लिहाजा, गर्मी में एक तो वाटर लेबल नीचे जाने के कारण मोटरें जबाब देने लगी है, वहीं बिजली की लो और हाई बोल्टेज के कारण भी मोटर फुंकने से ट्यूबवेलों के संचालन में दिक्कत आनी शुरू हो गई है।दून में एकाध टयूबवेल ऐसे भी हैं, जो गंदा पानी छोड़ रहे हैं। भरी गर्मी में ट्यूबवेलों के हांफने का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, और उन्हें पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बावजूद इसके जलसंस्थान उदासीन बना हुआ है। न तो नए मोटरों की खरीद हो रही है और न ही ट्यूबवेलों की मरम्मत करा रहा है।