छेड़खानी और धमकी में पूर्व भाजपा नेता के खिलाफ चार्जशीट

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर लगे दुष्कर्म के आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी है। गवाहों और सबूतों के आधार पर पीड़िता से केवल छेड़खानी करने और उसे जानमाल की धमकी देने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ बहुचर्चित प्रकरण की विवेचना कर रही महिला हेल्पलाइन की प्रभारी ने संजय के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी।बता दें, देहरादून की एक युवती ने बीते साल नवंबर में यह आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार ने उसके साथ अश्लील बातें की और दुष्कर्म किया। विरोध करने पर जानमाल की धमकी भी दी।इस प्रकरण से सियासी गलियारे में भी भूचाल आ गया था और संजय को पद से भी हटा दिया गया। मामला भाजपा के पदाधिकारी से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने प्रकरण की गहनता से छानबीन शुरू की और पीड़िता को बयान के लिए बुलाया। मगर पीड़िता कई दिन तक पुलिस के सामने आने से कतराती रही।उसने बीती पांच जनवरी को तत्कालीन एसपी ग्रामीण सरिता डोभाल के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए, जिसके बाद संजय के खिलाफ उसी दिन छेड़खानी व जानमाल की धमकी देने की धाराओं में शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।पीड़िता ने इसके बाद 19 जनवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया और आरोप लगाया कि संजय कुमार उसे अपने साथ शहर के एक फ्लैट में ले गए और दुष्कर्म किया। इस आरोप को मद्देनजर रखते हुए पुलिस ने मुकदमे में दुष्कर्म की धारा भी जोड़ दी थी। बाद में पुलिस ने संजय कुमार के मोबाइल को कब्जे में लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला चंडीगढ़ भेज दिया।एफएसएल की रिपोर्ट देहरादून पुलिस को दो दिन पहले मिली। उसमें संजय कुमार के पीड़िता से लगातार बात करने की पुष्टि होने की बात कही गई है। ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह साबित होता हो कि संजय कुमार ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया है।एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि संजय कुमार के खिलाफ छेड़खानी व धमकी के तहत आरोप पत्र तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। चार्जशीट में करीब दस गवाह बनाए गए हैं। उसके साथ पूरी केस डायरी और एफएसएल व मेडिकल चेकअप की रिपोर्ट भी संलग्न की गई है।

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