नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी की करारी हार के बाद एक ओर राहुल गांधी जहां अपने पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। वहीं, कर्नाटक में भाजपा नेताओं के दावे और विधायकों के बागी तेवरों के चलते कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ की कुर्सी को लेकर अटकलें तेज हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को चौतरफा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी नेताओं के आग्रह के बावजूद राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने इरादों को बदलने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। राहुल ने कांग्रेस नेताओं को एक बार फिर साफ संदेश दे दिया है कि पार्टी को नये अध्यक्ष का विकल्प तलाश लेना चाहिए। यही नहीं उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार से बाहर के चेहरों पर गौर करने की बात कही है। इस तरह अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाने की कांग्रेस नेताओं की किसी पहल पर उन्होंने पहले ही ब्रेक लगा दिया है।राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में परोक्ष रूप से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पी. चिदंबरम की भूमिका पर परोक्ष रूप से असंतोष और रोष जताया था। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा था कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की बजाय परिवार पर ज्यादा ध्यान दिया है। कमलनाथ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छिन सकता है। सूत्र बताते हैं कि नए पीसीसी चीफ के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर अजय सिंह, रामनिवास रावत, बिसाहूलाल सिंह, मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व जीतू पटवारी के नाम की चर्चा है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को टिकट दिलाने के लिए जिद करने और अन्य क्षेत्रों में ध्यान नहीं देने के आरोपों के साथ प्रदेश में सीएम विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है। एक तरफ तो रविवार देर रात जहां सीएम के खास प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने पद से इस्तीफा दिया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है। सूत्र बताते हैं कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष से मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने मुलाकात का समय नहीं दिया।