नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट की पहली बैठक आज दिल्ली में होने जा रही है। नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने गुरुवार को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर कमान संभाल ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हजारों लोगों व अनेक खास मेहमानों की मौजूदगी में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। मोदी के साथ भाजपा नीत राजग मंत्रिपरिषषद में पीएम मोदी के अलावा कुल 57 मंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, अभी मंत्रियों के पोर्टफोलियो सामने नहीं आए हैं, लेकिन सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अमित शाह को गृह या वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय का जिम्मा मिलने की उम्मीद हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की, दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक करेंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गुरुवार को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था।संगठन में अपनी कुशलता प्रदर्शित करने वाले अमित शाह के मोदी सरकार में आने के खास मायने हैं। एक तरफ जहां यह माना जा रहा है कि अहम पड़ाव पर वह वित्त जैसे संवेदनशील मंत्रालय की कमान थामेंगे। वहीं यह भी मानकर चला जा रहा है कि सरकार में वह सामंजस्य का भी जिम्मा देखेंगे। वैसे उनके सरकार में शामिल होने के साथ ही भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का नाम सबसे आगे है। यूं तो गुजरात में वह गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं लेकिन गुरुवार को उन्होंने जिस तरह राजनाथ सिंह के बाद तीसरे नंबर पर शपथ लिया उसका यह अर्थ निकाला गया कि यहां वह गृह मंत्रालय की बजाय वित्त मंत्री पद संभालेंगे। वैसे भी वित्त को लेकर उनकी समझ जांची परखी है। फिलहाल देश को वित्त के मोर्चे पर कई साहसिक कदम उठाने हैं और शाह साहसिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं।संगठन में रहते हुए भी उन्होंने कठोर और साहसिक फैसलों की शुरुआत की थी। माना जा रहा है कि मोदी सरकार में वह सामंजस्य की भी जिम्मेदारी संभालेंगे। यानी उन पर जिम्मेदारी होगी कि वह दूसरे मंत्रालयों के कामकाज पर भी नजर रखें और जरूरी सहयोग करें या निर्देश दें। दरअसल वित्त मंत्रालय वैसे भी सभी मंत्रालयों से जुड़ा होता है। अब जबकि शाह सरकार में शामिल हो चुके हैं तो भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई है। पहले नाम के तौर पर जेपी नड्डा का नाम है जो मोदी और शाह दोनों के विश्वस्त भी माने जाते हैं और संघ के भी नजदीक हैं। मंत्री रहते हुए भी उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाती रही है। वह भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव भी हैं। ऐसे में जब मंत्रिपरिषद को शपथ दिलाते हुए उन्हें बाहर रखा गया है तो नए अध्यक्ष के रूप में उनकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है।