देहरादून। राजधानी में पानी की निकासी को बनी नालियों की हालत बहुत खराब है। कहीं नालियां कचरे के कारण चोक हो रखी हैं तो कहीं क्षतिग्रस्त। अब बरसात का मौसम नजदीक है, ऐसे में एक बार फिर सड़कों व मौहल्लों में लोगों को जल भराव की समस्या से जूझना पड़ सकता है। हालांकि यह समस्या नई नहीं है, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों ने अभी तक नालियों की सफाई व मरम्मत को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। शहर में नालियों की हालत की बात करें तो हरिद्वार रोड पर रिस्पना से लेकर पिं्रस चौक तक जगह-जगह कचरा भरा पड़ा है। यहां अतिक्रमण हटाने के दौरान ध्वस्त किए गए मकानों का मलबा भी नालियों में जमा है। इससे पांच किमी सड़क पर 24 से ज्यादा स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। रेसकोर्स चौक से प्रिंस चौक तक यह स्थिति ज्यादा विकट है। इसी तरह त्यागी रोड, रेसकोर्स और रिंग रोड पर भी नालियों की सफाई नहीं हुई है। सहारनपुर रोड पर प्रिंस चौक से आइएसबीटी तक नालियों का निर्माण एवं फुटपाथ बनाया गया है। लेकिन यहां निर्माण के दौरान नालियों की सफाई नहीं की गई। इसके अलावा फुटपाथ के लिए लगाई गई कच्ची शटरिंग भी नाली के अंदर छोड़ दी। इससे नालियां कई जगह बंद हो रखी हैं। हल्की बारिश में भी यहां प्रिंस चौक, परिवहन दफ्तर, रेलवे स्टेशन, भूसा स्टोर, मातावालाबाग, लालपुल, निरंजनपुर मंडी आदि इलाकों में नाली का पानी सड़क पर बहने लगता है। इससे पूरे इलाके में जल भराव हो जाता है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राजपुर रोड और चकराता रोड पर भी नालियां कई जगह कचरे से भरी हैं। यहां क्षतिग्रस्त नालियों के सुधार की कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। बरसात में राजपुर रोड का पानी सीधे घंटाघर, चकराता रोड की कई बस्तियों में घुस जाता है। इसी तरह बल्लीवाला से कमला पैलेस तक जीएमएस रोड पर नालियां जगह-जगह चोक हो रखी है। यहां नालियों की सफाई न होने से पानी सड़क पर बहता है।