प्रयागराज: विशेष कोर्ट ने अयोध्या हमले के बाकी बचे पांच आतंकियों को मंगलवार को सजा सुनाई। स्पेशल जज एससी-एसटी दिनेश चन्द्र नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे, जहां बंद आतंकी हमले के सभी दोषियों को सजा सुनाई। इस मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ बीस हजार का जुर्माना लगाया गया है। वहीं मोहम्मद अजीज को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामले की सुनवाई नौ जून को पूरी कर ली गई थी, निर्णय सुनाने के लिए 18 जून की तारीख तय की गई थी। सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। दो निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद हुई जांच में आतंकियों को असलहों की सप्लाई और मदद करने में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद व डॉ. इरफान का नाम सामने आया था।
बता दें कि, पांच जुलाई 2005 की सुबह करीब सवा नौ बजे आतंकियों ने रामजन्म भूमि परिसर में धमाका किया था। करीब डेढ़ घंटे तक चली मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मार गिराए गए थे, जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी थी। हमले में रमेश कुमार पांडेय व शांति देवी को जान गंवानी पड़ी थी, जबकि घायल कृष्ण स्वरूप ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
इसके अलावा दारोगा नंदकिशोर, हेड कांस्टेबल सुल्तान सिंह, धर्मवीर सिंह पीएसी सिपाही, हिमांशु यादव, प्रेम चंद्र गर्ग व सहायक कमांडेंट संतो देवी जख्मी हो गये थे। पुलिस की तफ्तीश में असलहों की सप्लाई करने और आतंकियों के मददगार के रूप में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर पहले अयोध्या जेल में रखा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारागार नैनी (प्रयागराज) में दाखिल कर दिया गया। सुनवाई के बाद मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में मो. अजीज को दोषमुक्त किया गया जबकि आसिफ इकबाल, मो. नसीम, शकील अहमद व डॉ. इरफान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।