नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला को 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा के यह गर्व का समय है। ओम बिड़ला ने आठ बार की सांसद और निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की जगह ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल, द्रमुक और बीजद समेत कई दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। ओम बिड़ला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उन्हें चेयर तक लेकर गए। बिड़ला ने मंगलवार को लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था।
इसके बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ओम बिड़ला को इस पद पर आसीन देखना गर्व की बात है। बिड़लाजी की पूरी कार्यशैली समाजसेवा पर केंद्रित रही है, जिससे पुराने सदस्य भली-भांति परिचित हैं। मुझे विश्वास है कि वह सदन को उत्तम तरीके से चलाएंगे।अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्री परिषद के सदस्यों का परिचय भी कराया।
राजनीतिक गलियारों में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिड़ला का नाम भले ही चौंकाने वाला रहा है, लेकिन संसदीय अनुभव उनके पास है। 57 वर्षीय बिड़ला तीन बार (2003, 2008 और 2013) राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने संसदीय सचिव की जिम्मेदारी भी संभाली है। वह लगातार दूसरी बार कोटा से जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं। उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2.5 लाख वोटों के अंतर से हराया था।
बतौर सांसद ओम बिड़ला की सदन में उपस्थिति 86 फीसद रही। उन्होंने 671 सवाल पूछे और 163 संसदीय चर्चाओं में हिस्सा लिया। वर्ष 1991 से लेकर 12 सालों तक वह भाजयुमो के प्रमुख नेता रहे हैं। राज्य में वह भाजयुमो अध्यक्ष रहे हैं तो राष्ट्रीय स्तर पर उपाध्यक्ष का पद संभाला है। राजनीति के क्षेत्र में उन्हें सबको साथ लेकर चलने में माहिर माना जाता है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए जेल में यातनाएं भोगीं।