महाराष्ट्र सरकार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से 79,087 रुपये कर्ज का गारंटर बनाए जाने के प्रस्ताव पर भाजपा नेता सुधीर मुंगटीवार के (वित्त) मंत्रालय ने अपनी आपत्ति जताई है।
बता दें कि 15 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 97,636 करोड़ रुपये की लागत वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के प्रस्ताव पर महाराष्ट्र कैबिनेट ने भी हरी झंडी नहीं दी थी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) 0.1% ब्याज दर से कर्ज दे रही है।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के एक सीनियर ब्यूरोक्रेट ने कहा कि चूंकि राज्य पर पहले से ही कर्ज का बोझ काफी है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार के लिए यह संभव नहीं होगा, कि हम जेआईसीए के कर्ज का गारंटर बन पाएं।
उन्होंने कहा, ‘हमारे कर्ज का बोझ 3.56 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और मेट्रो परियोजना, सार्वजनिक कार्यों आदि के लिए हम 65,032 करोड़ रुपये का और कर्ज ले रहे हैं। इसलिए यह हमारी क्षमता भूमिका को स्वीकार करने से परे है।
उन्होंने कहा, ‘कोई संदेह नहीं कि ब्याज दर बेहद मामूली है। लेकिन, यह ध्यान रखते हुए कि कर्ज की राशि 50 सालों में लौटा देनी है, हमें अब भी इस प्रस्ताव पर विचार करना होगा।’
4 जनवरी को इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने लाया गया था, लेकिन वित्त मंत्री मुनगंटीवार की अनुपस्थिति के कारण इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि इस परियजना के लिए उच्च स्तरीय कैबिनेट समिति का गठन किया जाएगा, जो इस परियोजना के बारे में गहराई से अध्ययन करेगी।
गौरतलब है कि जापान के साथ कर्ज समझौते के मुताबिक रेल के डिब्बे, इंजन और सिग्नल एवं बिजली प्रणाली जैसे अन्य उपकरणों को जापान से आयात किया जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस रेल कॉरिडोर का निर्माण 2018 के अंत तक शुरु हो जाएगा।