नई दिल्ली । सात महीने के अंदर दूसरी बार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे आरबीआई को झटका लगा है। दरअसल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले दिसंबर 2018 में आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था। खास बात ये है कि विरल आचार्य आरबीआई के उन बड़े अधिकारियों में शामिल थे, जिन्हें उर्जित पटेल की टीम का हिस्सा माना जाता था।
विरल आचार्य का कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीनों का समय बाकी था। विरल 23 जनवरी 2017 को आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर बने थे। इस पद पर उनका कार्यकाल 3 साल के लिए था। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आचार्य ने व्यक्तिगत कारणों के चलते आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, आरबीआइ ने अभी तक न तो इस खबर की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है। विरल आचार्य आर्थिक उदारीकरण के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक के सबसे कम उम्र के डिप्टी गवर्नर रहे हैं। उन्हें अगले साल फरवरी माह में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में सीवी स्टार प्रोफेसर ऑफ इकनॉमिक्स के रूप में ज्वाइन करना था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के अनुसार, वे अब इस साल अगस्त में ही वहां ज्वाइन करने जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार विरल आचार्य जुलाई के अंतिम दिनों में पद से मुक्त हो जाएंगे। यह भी कहा जा रहा है कि विरल ने हाल ही में हुई रिज़र्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक से कुछ सप्ताह पहले ही इस्तीफा दे दिया था। विरल आचार्य के आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर के पद से इस्तीफा देने के बाद अब आरबीआइ के सबसे वरिष्ठ गवर्नर एन विश्वनाथन का कार्यकाल बढ़ने की संभावनाएं प्रबल नजर आ रही हैं। गौरतलब है कि उनका कार्यकाल जुलाई के पहले सप्ताह में ही समाप्त हो रहा है। रिज़र्व बैंक के उच्च पदों पर स्थायित्व लाने के लिए यह बहुत आवश्यक भी हो गया है।