दिल्ली। जापान में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को यहां पहुंचे। इस सम्मेलन के दौरान वह महत्वपूर्ण बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनिया के प्रमुख नेताओं से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘अलसुबह ओसाका पहुंचे। आने वाले दिनों में जी-20 शिखर सम्मेलन, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार कर रही हैं। वह वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर जोर देने के साथ ही भारत का नजरिया पेश करेंगे।’ओसाका में 28-29 जून को हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठी बार शिरकत करने पहुंचे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओसाका के कंसाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। अगले तीन दिनों तक, वैश्विक मंच पर भारत के नजरिए को रखने के लिये प्रधानमंत्री कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय चर्चाओं का हिस्सा होंगे।’
ये दो मुद्दे शिखर सम्मेलन के दौरान छाये रह सकते हैं
अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वार और ईरान के साथ चल रहे तनाव के युद्ध में बदलने का खौफ, ये दो मुद्दे यहां शुरू हो रहे जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान छाये रह सकते हैं। विश्व के 20 अग्रणी देशों के नेताओं की मौजूदगी वाले सम्मेलन में उत्तर कोरिया और वेनेजुएला में गर्माता माहौल तथा धीमी होती वैश्विक अर्थव्यवस्था भी शीर्ष एजेंडे में शामिल रहेगी। विश्लेषकों का कहना है कि यह हालिया सालों में जी-20 का सबसे अहम सम्मेलन हो सकती है। लंबे समय से चल रही ट्रेड वार में पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहते नरमी दिखाई थी कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फोन पर अच्छी बातचीत के बाद वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। जिनपिंग ने भी ट्रंप से कहा था कि आपस में सहयोग से चीन और अमेरिका दोनों लाभ में रहेंगे और लड़ने से दोनों को नुकसान ही होगा। विशेषज्ञ भी शनिवार को संभावित दोनों नेताओं की इस वार्तासे बेहद उम्मीद लगा रहे हैं। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के आर्थिक विशेषज्ञ मैथ्यू गुडमैन के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप सौदेबाजी पसंद करते हैं। ऐसे में वह किसी समझौते पर सहमत हो सकते हैं। तीन महीने में यह समझौता हो सकता है। एशिया-पैसेफिक आर्थिक सहयोग (एपेक) की पॉलिसी सपोर्ट यूनिट के निदेशक डेनिस ह्यू का कहना है कि यदि दोनों में समझौता नहीं होता है, तो यह सभी के लिए खराब होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने दी ट्रेड वार को लेकर चेतावनी
ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने बुधवार को चेतावनी दी कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार से छोटे देशों को व्यापक हानि हो सकती है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा, इस विवाद से वैश्विक व्यापार सिस्टम बेहद दबाव में है और वैश्विक विकास अनुमान घट सकते हैं। जी-20 सम्मेलन शुरू होने की पूर्व संध्या पर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के इस बयान को बेहद अहम माना जा रहा है।