देहरादून। पौड़ी कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह के तहत मुख्यालय में पहली बार आज प्रदेश मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठकें होने जा रही हैं। जिसके लिए सुबह 11 बजे से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य मंत्रीगण पहुंच गए और मंत्री मंडलीय बैठक शुरू हाे गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में होने वाली इन बैठकों में पलायन की गंभीर समस्या से जूझ रहे पौड़ी जनपद के विकास को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। बैठक में भाग लेने के लिए सरकार के सभी मंत्रियों और आला अधिकारी शुक्रवार को ही पौड़ी के लिए कूच कर चुके थे। इस बीच मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठकें होंगी। इन बैठकों में कई अहम निर्णय होंगे, जिनमें पौड़ी जनपद से हो रहे पलायन को लेकर सरकार कार्ययोजना की एलान कर सकती है। दोनों बैठकों में शिरकत करने के लिए मंत्री, सचिवालय से अपर मुख्य सचिवों व सचिवों पौड़ी पहुंच चुके हैं ।
राजधानी से बाहर त्रिवेंद्र सरकार की दूसरी कैबिनेट
राजधानी से बाहर त्रिवेंद्र सरकार की यह दूसरी कैबिनेट बैठक है। पहली बैठक त्रिवेंद्र सरकार ने टिहरी झील में की थी। उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार में, विजय बहुगुणा गैरसैंण में और हरीश रावत हरिद्वार, अल्मोड़ा और केदारनाथ में कैबिनेट की बैठकें कर चुके हैं।
सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी का होगा पुनर्गठन
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से गठित राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी का पुनर्गठन होगा। परिवहन विभाग ने एजेंसी के पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश सरकार ने लीड एजेंसी का गठन तो किया है, लेकिन इसका संचालन पूर्णकालिक अफसरों से नहीं हो पा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय की समिति ने प्रदेश सरकार को ताकीद किया है कि वो एजेंसी में फुल टाइम अफसरों को तैनात करे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, लीड एजेंसी की कमान वर्तमान में परिवहन आयुक्त के हाथों में है। उन्हें एजेंसी के अध्यक्ष के तौर पर ये पदेन दायित्व प्राप्त है। इसी तरह पुलिस, शिक्षा, लोनिवि, स्वास्थ्य विभाग के जिन अधिकारियों को लीड एजेंसी में सदस्य बनाया गया है, वे सभी प्रतिनियुक्ति या पार्ट टाइम पर हैं। सड़क सुरक्षा मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने प्रदेश सरकार को ताकीद किया था कि वह लीड एजेंसी की कमान पूर्णकालिक (फुलटाइम) अफसरों को सौंपे। एजेंसी की कमान परिवहन आयुक्त के स्थान पर अपर आयुक्त को सौंपी जाएगी। प्रस्ताव में अपर आयुक्त स्तर का एक और पद सृजित करने की संस्तुति की गई है। जब तक अपर आयुक्त की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक यह दायित्व उप परिवहन आयुक्त को सौंपा जाएगा। इसी तरह पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से भी फुल टाइम अफसरों की तैनाती होगी। सूत्रों की मानें तो सब कुछ ठीक रहा तो पौड़ी में होने वाली कैबिनेट की बैठक में ये प्रस्ताव आ सकता है।