संदिग्ध परिस्थितियों में छह माह की बच्ची की मौत

चंपावत। नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश क्षेत्र के बरकुम गांव की छह माह की बच्ची की मौत हो गई। बताया जा रहा है पांच घंटे पहले उसे पेंटावैलेंट का टीका लगाया गया था। टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक का कहना है कि बरकुम और तरकुली में बृहस्पतिवार को कुल 20 शिशुओं को टीके लगाए गए। टीके से बच्ची की मौत नहीं हुई है। वैसे भी एक वैक्सीन से चार शिशुओं का टीकाकरण किया जाता है। हालांकि जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.इंद्रजीत पांडेय के नेतृत्व में एक टीम जांच के लिए मौके पर भेजी है।

बरकुम की ग्राम प्रधान लक्ष्मी देवी और सामाजिक कार्यकर्ता शीश राम ने बताया कि अनीता देवी अपनी छह माह की बेटी  आरोही को टीका लगाने के लिए बरकुम के एएनएम केंद्र ले गई। तामली स्वास्थ्य केंद्र से आए स्वास्थ्य निरीक्षक संतोष कुमार यादव ने बृहस्पतिवार को बच्ची को पेंटावैलेंट का तीसरा टीका लगाया। शीश राम का कहना है कि टीका लगने के बाद बच्ची के मुंह से लार निकली। कुछ देर बाद वे बच्ची को घर ले गए, मगर घर में बच्ची ने दूध नहीं पीया। इस पर वे बच्ची को झाड़फूंक के लिए ले गए। शाम करीब पांच बजे बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का पिता चंचल कुमार दिल्ली में होटल में काम करता है। शुक्रवार को बच्ची आरोही का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

ये है पेंटावैलेंट वैक्सीन 
पेंटावैलेंट वैक्सीन फाइव-इन-वन वैक्सीन है। इसमें पांच अलग-अलग वैक्सीन को एक में संयोजित किया जाता है। यह टीका पांच जानलेवा (डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस-बी और एन्फ्लुएंजा) बीमारियों से रक्षा करता है। इससे नवजात शिशुओं की रोध प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सामान्य रूप से ये तीन टीके 6, 10 और 14 सप्ताह की आयु में लगाए जाते हैं।

बच्ची की मौत की जानकारी लगने पर एसीएमओ डॉ.इंद्रजीत पांडेय के नेतृत्व में एक टीम को जांच के लिए बरकुम भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत की असल वजह पता चलेगी। तामली स्वास्थ्य केंद्र से मिली जानकारी से लगता है कि मौत का इस टीकाकरण से कोई संबंध नहीं है।
 -डॉ.आरके जोशी, सीएमओ, चंपावत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *