देहरादून। छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बयान दर्ज करने न पहुंचने पर एसआइटी ने नौटियाल की गिरफ्तारी को दून स्थित उनके आवास और ठिकानों पर दबिश दी। मगर, नौटियाल एसआइटी के हाथ नहीं आए।
इधर, घोटाले के आरोप से घिरे एक रिटायर्ड और दो वर्तमान सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोमवार को एसआइटी के समक्ष पेश हुए। मगर, एसआइटी से जुड़े अधिकारियों की व्यस्तता के चलते इनसे पूछताछ नहीं हो सकी। इनको अब दोबारा बुलाया गया है। छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग के सयुंक्त निदेशक गीताराम नौटियाल सहित चार अधिकारियों को अंतिम नोटिस जारी किए थे। शुक्रवार को नोटिस की समय अवधि पूरी होने बावजूद सयुंक्त निदेशक एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए।
हालांकि सहायक समाज कल्याण अधिकारी मुनीश त्यागी, विनोद नैथानी व सोमप्रकाश शुक्रवार को एसआईटी दफ्तर पहुंचे थे। मगर जांच अधिकारी एएसपी आयुष अग्रवाल के हाईकोर्ट जाने के कारण उनसे पूछताछ नहीं की जा सकी। इन तीनों अधिकारियों को अब मंगलवार को पूछताछ के लिए एसआईटी दफ्तर बुलाया गया है। इस बीच एसआईटी की एक टीम गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी के लिए देहरादून पहुंची। दून में नौटियाल के संभावित ठिकानों पर टीम ने छापेमारी की, पर कामयाबी नहीं मिली। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि घोटाले से जुड़े हर पहलु की गंभीरता से जांच की जा रही है। जिन लोगों के खिलाफ ठोस तथ्य जांच के दौरान सामने आए हैं, उनकी गिरफ्तारियां जल्द की जाएंगी।