बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मिलने पहुंचे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि ये विधायक अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस बीच उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर (G. Parameshwara) और राज्य के मंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कांग्रेस के विधायकों और निगम सदस्यों की आपात बैठक बुला ली है। कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी (Ramalinga Reddy) ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने आया हूं। मैं अपनी बेटी (कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी, Sowmya Reddy) के अगले कदम के बारे नहीं जानता। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में किसी को भी इसका दोष नहीं दे रहा हूं। मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर मेरी उपेक्षा की जा रही है। इसीलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला लिया है। बताया जाता है कि जो विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे हैं उनमें रमेश जारकीहोली (Ramesh Jarkiholi), एच विश्वनाथ (H Vishwanath), प्रताप गौड़ा पाटिल (Pratap Gowda Patil) शामिल हैं। हालांकि, कर्नाटक के राज्य मंत्री डीके शिवकुमार ने नए घटनाक्रम पर दावा किया कि मैं उन सभी (आठ कांग्रेस विधायकों और तीन जेडीएस विधायकों) से मिल चुका हूं। कोई विधायक इस्तीफा नहीं देने जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि इन दिनों मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका के दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि इससे राज्य में उपजे मौजूदा संकट से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा में मौजूद नहीं हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कर्नाटक का यह सियासी घटनाक्रम कौन सा मोड़ लेता है। अभी हाल ही में कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा था। पहले तो विधानसभा अध्यक्ष ने उनके इस्तीफे से इनकार किया था लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा मिलने की बात स्वीकार की थी। बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन राज्य में सरकार बनाने में वह नाकाम रही थी। मौजूदा गठबंधन सरकार को 117 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसमें कांग्रेस के 78 जबकि जेडीएस के 37 विधायक शामिल हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीटों पर जीत हासिल हुई थी। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और JDS नेता एचडी देवेगौड़ा ने कर्नाटक में उनके पुत्र कुमारस्वामी की सरकार के पांच साल चलने को लेकर पहले ही आशंका जता चुके हैं। पिछले ही महीने उन्होंने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने कहा था, वे हमें पांच साल तक समर्थन देंगे, लेकिन अब उनका व्यवहार पांच साल सरकार चलाने का नहीं लगता। देवेगौड़ा ने कहा था कि कर्नाटक में गठबंधन का सुझाव हमारा नहीं था, बल्कि यह सुझाव यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की तरफ से आया था।