लंदन। Dawood Ibrahim in Pakistan संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी दाउद इब्राहिम पाकिस्तान में है और सेहतमंद है, इसकी पुष्टि कई स्त्रोतों से लगातार हो रही है। कई देशों में फैले दाउद के काले धंधों को संभालने वाले जाबिर मोती को अमेरिका हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रहा है पाकिस्तान उसे अमेरिका जाने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है। मोती को स्कॉटलैंड यार्ड ने कुछ महीने पहले लंदन में गिरफ्तार किया था और वह इस समय ब्रिटिश जेल में है। मोती का दाउद के साथ कुछ महीने पहले का फोटो भी सामने आया है। मोती को अमेरिका प्रत्यर्पित होने से रोकने के लिए पाकिस्तान जिस तरह से एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है, उससे भी संकेत मिल रहा है कि दाउद अभी सक्रिय स्थिति में है और वह पाकिस्तान के लिए ‘काम का आदमी’ बना हुआ है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ ने हाल ही में पुष्टि की है कि दाउद पाकिस्तान में है और वहीं से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है।भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी एफबीआइ के दावे की पुष्टि की है और इस सिलसिले में पाकिस्तान के इन्कार को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि दाउद का पाकिस्तान में होना अब कोई रहस्य नहीं रह गया है। दाउद के साथ जाबिर मोती का कुछ महीने पुराना फोटो सामने आने के बाद पक्का हो गया है कि अंडरवर्ल्ड सरगना स्वस्थ है, हाल के वर्षो में उसके बुरी तरह से बीमार होने की जो खबरें फैलाई जा रही थीं-वह पाकिस्तान का भ्रमित करने का प्रयास था। अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञ लॉरेंस सेलिन का ताजा बयान सनसनी पैदा करने वाला है। उन्होंने श्रीलंका में ईस्टर संडे को हुए सिलसिलेवार धमाकों के तार दाउद इब्राहीम से जोड़े हैं। बताया है कि दाउद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नशीले पदार्थो-आतंकी-जिहादी नेटवर्क श्रीलंका धमाकों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। काफी संभावना है कि दाउद और आइएसआइ के नापाक गठबंधन ने श्रीलंका के धमाकों के लिए सुविधाएं और धन मुहैया कराया हो। श्रीलंका में हुए धमाकों में ढाई सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे। जबकि 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे। इन धमाकों को भी दाउद के नेटवर्क ने अंजाम दिया था।