नई दिल्ली। सरकार ने गैर-यूरिया खादों की कीमतों में स्थिरता के लिए सब्सिडी बढ़ा दी है। इससे सरकारी खजाने पर कुल 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा। पोषक तत्वों से भरपूर खाद की उपलब्धता रियायती दरों पर सुनिश्चित करने, कृषि की लागत घटाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में यह फैसला बुधवार को लिया गया। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बताया कि बैठक में चालू वित्त वर्ष में फॉस्फेट और पोटाश वाली खादों के मूल्य तय किए गए। सरकार के इस फैसले से चालू वित्त वर्ष में खजाने पर कुल 22,875 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। जावड़ेकर ने कहा कि नाइट्रोजन वाली खाद में दी गई सब्सिडी 18.90 रुपये प्रति किलो, जबकि फॉस्फोरस वाली खाद पर 15.11 रुपये प्रति किलो होगी। पोटाश पर 11.12 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी गई है। सल्फर खाद पर 3.56 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी निर्धारित की गई है। सरकार के इस कदम से किसानों को संतुलित खाद का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।