नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 29 वर्षीय एक ट्यूशन मास्टर को अपनी छात्रा से बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनायी है। अदालत ने कहा कि यह अपने आप में ‘‘गंभीर अपराध’’ है और इससे ‘‘सख्ती’’ से निपटा जाना चाहिए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार ने कहा कि उसकी (छात्रा की) रक्षा और देखभाल करने के अपने कर्तव्य को पूरा करने के बजाय दोषी रोहन कुमार ने ‘‘उम्मीद के विपरीत’’ यह कुकृत्य किया। अदालत ने कुमार को 2017 में छात्रा के साथ बार-बार बलात्कार करने, उसे डराने-धमकाने, उसकी गरिमा का हनन करने के इरादे से उत्पीड़न करने तथा जानबूझकर उसे नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया। अदालत ने कुमार पर 52,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को छात्रा को छह लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। इसने कहा कि अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि दोषी ने जो अपराध किया है वह गंभीर प्रकृति का अपराध है। दोषी ने उसका शिक्षक होने के नाते छात्रा के विश्वास का हनन किया है। उसकी रक्षा और देखभाल करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के बजाय उसने ऐसा अपराध किया है जिससे सख्ती से निपटे जाने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि यह अपराध ‘‘जघन्य’’ है। कुमार ने सोचा कि छात्रा उसकी ‘‘जागीर’’ है, जिसे वह जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार कुमार छात्रा को छठी कक्षा से ही उसके घर जाकर पढ़ाता था। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उसने उससे पढ़ना बंद कर दिया। लेकिन कॉलेज में प्रथम वर्ष के दौरान उसके माता-पिता ने एक बार फिर उसे बेटी को पढ़ाने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि इस दौरान अप्रैल 2017 में उसने छात्रा को गलत तरीके से छूने की कोशिश की। वह छात्रा को तभी पढ़ाने आया करता जब उसके माता-पिता घर पर नहीं होते थे और इस दौरान वह उसके साथ बलात्कार करता था। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने उसकी तस्वीरें भी खीचीं थीं और इसका खुलासा करने पर उसे बदनाम करने की धमकी दी थी। डर के कारण उसने घटना के बारे में किसी से कुछ नहीं बताया। घटना के वक्त चीख भी नहीं पाती थी क्योंकि आरोपी अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर देता था। जून 2017 में कुमार ने एक बार फिर उससे बलात्कार किया जिसके बाद उसने अपनी मां को इस बारे में बताया। उसके माता-पिता उसे लेकर व्यक्ति के घर गये और उसके परिवार वालों को घटना के बारे में बताया और यह भी कहा कि ऐसी घटना फिर नहीं होनी चाहिए। बदनामी के डर से उसके माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी और उसका ट्यूशन छुड़वा दिया।