”टोपी“ की ”दास्तान“ को डब्लू आई सी में नए रूप में किया प्रस्तुत

देहरादून। ”टोपी“ की ”दास्तान“ का मंचन डब्ल्यू आईसी में किया गया। ”टोपी“ की ”दास्तान“ प्रसिद्ध और लोकप्रिय हिंदी उपन्यास टोपी शुक्ला पर आधारित है, जो डॉ. राही मासूम रजा द्वारा 60 के दशक की शुरुआत में लिखा गया था। इसे विंग्स कल्चरल सोसाइटी द्वारा अनुकूलित किया गया है ”दास्तान“ नरेशन फॉर्म को कहानी कहने के रूप में भी जाना जाता है।
डायरेक्टर विंग्स सोसायटी तारिक हमीद ने बताया कि डब्ल्यू आई कि मदद से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह दास्तान ’दो समुदायों के बीच भय और डर की उन भावनाओं को फिर से मजबूत करने का एक प्रयास है जो मुख्य रूप से प्रभावित थे। नौ साल पहले, विंग्स कल्चरल सोसाइटी सार्थक रंगमंच और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों के बारे में चेतना बढ़ाने का काम करती है। वे सामाजिक रूप से प्रासंगिक थिएटर का प्रदर्शन करने और कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, वाद-विवाद और ऑडियो-विजुअल शो का संचालन करने के प्रयास के रूप में चल रहे सामाजिक और बौद्धिक मंथन में शामिल होते हैं
विंग्स कल्चरल सोसाइटी दिल्ली एवं डब्ल्यू आई सी एवं ने अपने सामाजिक लेखन को प्रेम, एकता, करुणा, भाईचारा, देशभक्ति और स्वतंत्रता के सामाजिक प्रासंगिक विषय को प्रदर्शित करने के लिए एक नए प्रारूप में एक शक्तिशाली मंच पर लाया है। हमने कई शहरों पैन इंडिया में प तोपी की दास्तान ’के 24 शो किए हैं, साहित्य उत्सवों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ अकेले टिकटों के प्रदर्शन के लिए प्रदर्शन किया है। मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, पटना, हैदराबाद, जबलपुर, उदयपुर और गुड़गांव ऐसे कुछ शहर हैं, जिनमें हमने प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर डब्ल्यू आई सी की प्रेसिडेंट नाज़िया इज़्ज़ुद्दीन ने कहा कि इस तरह के आयोजन से भारत की संस्कृति की झलक देखने मिलती है। इस अवसर पर डब्ल्यू आई सी की प्रोग्राम कॉर्डिनेटर मनीषा डोगरा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि डब्ल्यू आई सी इस तरह के आयोजन करता रहता है जिससे लोगों को कुछ नया जानने को मिले। इस मौके पर प्रदीप बाजपेयी, सुश्री मनी पुरोहित, सुश्री रोचना मोेरे, अबुु यूसुफ, विवान सम्राट ने अपनी कला का मंचन किया।

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