जेट एयरवेज के मालिक के घर ईडी की छापेमारी

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल () ने कर चोरी की कई साजिशों को अंजाम दिया और भारी मात्रा में अवैध कमाई को विदेश भेजा है। ईडी ने एक दिन पहले ही गोयल के मुंबई स्थित आवास, जेट एयरवेज समेत उनकी कंपनियों और साझेदार एजेंसियों के दिल्ली व मुंबई स्थित दर्जनों परिसरों में छापेमारी की थी। वहां से कई संदिग्ध दस्तावेज तथा डिजिटल सुबूत जब्त किये गये हैं।ईडी ने विदेशी विनिमय कानून (फेमा) उल्लंघन के आरोप के आधार पर ये छापेमारी की। ईडी के अनुसार प्राथमिक जांच से इस बात के संकेत मिलते हैं कि अपनी घरेलू और विदेशी कंपनियों के जरिये गोयल ने कर चोरी की कई साजिशें रची थीं और उन्हें अंजाम दिया था। ऐसी 19 खोखा कंपनियों में से पांच विदेश में हैं। इनमें संदेहास्पद लेन-देन के जरिये भारी मात्रा में धन विदेश भेजा गया। विदेश में स्थित इन खोखा कंपनियों में से एक ‘आइल ऑफ मैन’ का ताल्लुक टेल विंड्स कॉरपोरेशन से है। ईडी इस कंपनी की जांच कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि यही कंपनी जेट एयरवेज की सभी गतिविधियों पर नियंत्रण रखती थी। टेल विंड्स की स्थापना गोयल ने वर्ष 1992 में की थी। इसके अलावा, गोयल के साझीदार हसमुख दीपचंद गार्गी के परिसरों की भी ईडी ने छानबीन की है। गार्गी आइल ऑफ मैन के साझीदार और निवेशक हैं। दुबई में रहने वाले गार्गी का नाम ‘पनामा पेपर्स’ में भी आया था। जांच एजेंसी का मानना है कि टेल विंड्स में निवेश की गई रकम अवैध तरीके से कमाई गई थी।उल्लेखनीय है कि घरेलू एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज की उड़ानों को नकदी संकट के कारण इसी साल 17 अप्रैल को बंद कर दिया गया था। सूत्रों ने जुलाई में बताया था कि वाणिज्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में निजी एयरलाइंस के फंड को दूसरे मदों में खर्च करने समेत बडे़ पैमाने पर अनियमितताएं पाई गई थीं। मार्च में गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। मौजूदा समय में एयरलाइंस इंसॉल्वेंसी एंड बैंककरप्सी कोड के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजरना चाहिए।जांच एजेंसी ने कहा कि गोयल कई विदेशी कंपनियों को परोक्ष तौर पर नियंत्रित करते हैं। इनमें से कुछ खोखा कंपनियां कर चोरी के पनाहगाह समझे जाने वाले देशों में पंजीकृत हैं। ईडी ने कहा, ‘इनमें से कुछ कंपनियों को विमानन पट्टा अनुबंध, विमान रखरखाव अनुबंध तथा कुछ अन्य मदों के नाम पर इन कंपनियों को संदेहास्पद तरीके से और बढ़ा-चढ़ा कर भुगतान किए गए। यह पाया गया कि समूह की ही दुबई स्थित एक कंपनी को कमीशन के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर भारी मात्रा में भुगतान किया गया। वह कंपनी जेट एयरवेज की विशेष विदेशी बिक्री एजेंट का काम करती थी।’आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश में अघोषित संपत्ति रखने के आरोप के आधार पर जांच एजेंसी आने वाले दिनों में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत गोयल के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है। ईडी की जांच से पता चलता है कि गोयल कुछ ऐसे बैंक खातों के लाभार्थी मालिक हैं जिनमें भारी धनराशि जमा की गई। इसमें प्रथम दृष्टया लगता है कि इन लेन-देन में फेमा के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया गया।

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