FDI नियमों में ढील से अर्थव्यवस्था की बढ़ेगी रफ्तार, पैदा होंगे नए रोजगार

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में सरकार ने अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए देश के दरवाजे और ज्यादा खोल दिये हैं। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एकल ब्रांड खुदरा सेक्टर में एफडीआई नियमों में ढील दी गई है। इसके साथ ही भारत में अनुबंध पर विनिर्माण कार्य करने और कोयला खनन कारोबार में विदेशी कंपनियों को सौ फीसदी निवेश की अनुमति दी गई है। यही नहीं, सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में भी स्वत: मंजूरी मार्ग से सौ फीसद FDI को मंजूरी दी है।मैन्युुफैक्चरिंग में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी मिलने से देश में बड़ी मात्रा में निवेश आने की उम्मीद लगाई जा रही है। रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा है कि इस फैसले से अर्थव्यवस्था की मंदी तो दूर होगी ही साथ ही भारत दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनेगा और नए रोजगार पैदा होंगे। गौरतलब है कि साल 2014 से लेकर 2018 तक 5 सालों में भारत में कुल 286 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, कुल 64.37 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है। यह जानकारी पीयूष गोयल ने बुधवार को दी।सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई नियमों को उदार बनाने की दिशा में 30 फीसद घरेलू खरीद की परिभाषा का विस्तार किया है अर्थात इसमें ढील दी गई है। इससे पहले कोई भी विदेश कंपनी तब ही ऑनलाइन स्टोर खोल सकती थी, जब वह 30 फीसद स्थानीय खरीद वाली शर्त पूरा करते हुए ऑफलाइन स्टोर खोलती थी। इस ढील के बाद अब कंपनी 30 फीसद स्थानीय खरीद की शर्त पूरा करते हुए पहले ऑनलाइन स्टोर खोल सकती है। इससे उसका ऑफलाइन स्टोर खोलने का खर्च कम हो जाएगा।बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल मीडिया में भी सरकारी मंजूरी के साथ 26 फीसद FDI को मंजूरी मिली है। इससे पहले केवल टीवी और अखबार में ही सरकारी मंजूरी के साथ 26 फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी मिली हुई थी।

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