नई दिल्ली। Chandrayaan 2: कल यानी रविवार को ISRO ने खबर दी थी की ऑर्बिटर ने ISRO को लैंडर Vikram की थर्मल इमेज भेजी है। उसी समय से कई कयास लगाए जा रहे हैं की अब आगे क्या होगा? खबर आई है की Vikram लैंडर अपनी तय जगह से 500 मीटर की दूरी पर चांद पर लैंड हुआ है। एक अच्छी बात यह है की हमारा लैंडर Vikram चांद की सतह पर है, लेकिन इसका लाभ तब तक है हो पाएगा, जब तक इसके साथ संपर्क स्थापित ना हो। एक बार अगर लैंडर Vikram से संपर्क स्थापित हो गया, तो भारत के लिए यह अच्छी खबर होगी। Chandrayaan 2 के लैंडर Vikram में इतनी टेक्नोलॉजी है की वो गिरने के बाद भी दोबारा खुद को खड़ा कर सकता है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करना जरूरी है। विक्रम लैंडर में ऑनबोर्ड कंप्यूटर है। इसी वजह से लैंडर खुद ही कई काम कर सकता है। विक्रम लैंडर की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई है। इस कारण से लैंडर के गिरने से एक एंटीना दब गया है। इसी के जरिये कम्युनिकेशन सिस्टम को कमांड भेजी जाती है। ISRO फिलहाल इसी प्रयास में है की किसी तरह एंटीना के जरिये विक्रम को कमांड कर के वापस एक्टिव किया जा सके। ISRO के अनुसार, लैंडर में नीचे की तरफ 5 थ्रस्टर्स लगे हैं। इसके जरिये ही विक्रम को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। इसके अलावा, लैंडर के चारों तरफ भी थ्रस्टर्स लगे हुए हैं। इन्हे स्पेस में यात्रा के दौरान दिशा निर्धारित करने के लिए ऑन किया जाता है। लैंडर के जिस हिस्से में एंटीना दबा है, उसी हिस्से में ये थ्रस्टर्स भी हैं। अगर ऑर्बिटर के जरिये दबे हुए एंटीना ने पृथ्वी से भेजे जा रहे कमांड को रिसीव कर लिया, तो विक्रम अपने एक बार फिर एप पैरों पर खड़ा हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो ISRO वो सभी प्रयोग कर पाएगा, जो चंद्रयान 2 के लिए पेले से निर्धारित थे।