ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल का समापन

पिछले तीन दिनों से ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल में छात्रों के साथ साथ काफी संख्या में साहित्यकारों में कवि लेखक और टीवी से जुडी कई हस्तियों ने अपने विचार प्रकट किये इसके साथ ही कई राजदूत ने भी समारोह में शिरकत की जिनका कहना था की यह समारोह अपने आप में ही एक अलग समारोह है जिसमे आप अपने विचारो के साथ साथ आजकल के बदलते साहित्य के बारे में भी नई नई जानकारियां भी मिल रही है। इस अवसर पर संदीप मारवाह ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की यह लोग जो मंच पर बैठे है इनके अंदर ज्ञान रुपी गंगा बह रही है अब इनसे जो ले सकते हो ले लो क्योंकि यह तुम्हारा सीखने का टाइम है और न सिर्फ सुनो उसे समझो भी, मुझे बड़ी ख़ुशी है की छात्रों ने तीन दिवसीय इस फेस्टिवल में बढ़चढ़कर भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। आज की दुनियाँ मोबाइल और गूगल में मानो कैद सी हो गयी है जबकि हमारी नज़रो के सामने ऐसे ऐसे किरदार होते है जो आपको पूरी कहानी दे जाते है बशर्ते हमारे आँख और कान खुले हो क्योंकि ज्यादातर फिल्मों में हम उन्हीं किरदारों को लेते है जो हमारे आसपास घूमते फिरते है न की गूगल से, कंप्यूटर हमे जानकारी तो दे सकता है लेकिन वो उन किरदार को क्रिएट नहीं कर सकता जो आपको आसपास नज़र आते है जैसा की हेराफेरी का किरदार लिखते हुए मुझे उन्हीं के सेक्रेटरी का ख्याल आया और मैंने परेश रावल से कहा की आप अपने सेक्रेटरी को ध्यान से देखे क्योंकि अगला किरदार आपका यही है यह कहना था ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल के अंतिम दिन स्क्रीनप्ले राइटर आनंद एस. वर्धन का जिन्होंने हेरा फेरी, आवारा पागल दीवाना, खिलाडियों का खिलाड़ी जैसी कई मनोरंजक फिल्में की है। इस अवसर पर रवाडा के उच्चायुक्त अर्नेस्ट रवामुको, पनामा के मिशन दूतावास के उपप्रमुख रिकार्डो ए ब्रना, उज़्बेकिस्तान के मिशन दूतावास के उपप्रमुख अजामोंन मंसूरोव, लेखिका कुमकुम चड्ढा, सीनियर लॉयर अनूप बॉस और प्रसिद्ध लेखक गंगा प्रसाद विमल उपस्थित हुए। अजामोंन मंसूरोव ने कहा की भारत और उज़्बेकिस्तान के साहित्य के शब्द मिलते जुलते है और हमारे देश में अब भारत की कई युनिवर्सिटी खुल गयी है, साहित्य के बारे में मैं यह कहना चाहता हूँ कि फिल्म और साहित्य किन्हीं दो देशो को जोड़ने का बहुत अच्छा साधन है। रिकार्डो ए ब्रना ने कहा कि कविता और साहित्य कभी आप रटकर नहीं लिख सकते और न कोई स्कूल आपको यह सब सीखा सकता है यह सब आपके सोल में होता है जिसे आप शब्दों का रूप दे देते है। अर्नेस्ट रवामुको ने कहा कि एबिलिटी हमारे अंदर की गहराईयों में छिपी होती है बस हमें उसे निकालना आना चाहिए। इस अवसर पर लेखिका कुमकुम चड्ढा की पुस्तक ‘द मैरीगोल्ड स्टोरी’ का विमोचन किया गया, साथ ही प्रसिद्ध लेखक गंगा प्रसाद विमल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *