घाटी में बर्फबारी का कहर जारी है। बर्फ की चट्टानें गिरने का सिलसिला भी चल रहा है। इस वजह से अक्सर स्थानीय नागरिक इसकी जद में आ जाते हैं। 14 जनवरी को कुपवाड़ा जिले के लालपुरा इलाके में 75 वर्षीय गुलाम नबी गनी बर्फबारी की चपेट में आ गए। सूचना मिलते ही सेना ने बचाव कार्य शुरू किया और दो किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। बुजुर्ग का इलाज जारी है। चिनार कोर की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। साथ ही सेना उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करती है। इससे पहले बारामुला जिले के दर्दपोरा गांव में बर्फबारी में फंसी एक गर्भवती की सेना ने देवदूत बनकर मदद की। शमीमा नाम की इस महिला को अस्पताल में तत्काल भर्ती कराने की जरूरत थी। परिवार वालों की मदद की गुहार पर महिला को स्ट्रेचर पर लेकर 150 जवानों तथा 30 नागरिकों ने छह घंटे पैदल चलकर महिला को अस्पताल पहुंचाया। यहां उसने बच्चे को जन्म दिया। सेना की चिनार कोर की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि जज्जा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।