डब्ल्यूआईसी क्लब का संचालक सचिन उपाध्याय गिरफ़्तार

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई है सचिन

देहरादून। धोखाधड़ी के आरोपों की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार डब्ल्यूआईसी क्लब का संचालक सचिन उपाध्याय को उनके घर के बाहर से  गिरफ्तार किया।  सचिन उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई है,जिन्होंने अपने भाई की पहुंच होने का फायदा ही नहीं उठाया बल्कि अपने बड़े भाई की सियासी रसूख का जमकर दुरूपयोग कर अपने ऊपर पूर्व में शिकायकर्ता द्वारा मुकदमे में FR तक लगवा दिए। लेकिन शिकायतकर्ता मुकेश जोशी  ने हार नहीं मानी और वह देहरादून पुलिस द्वारा लगाए गए फ़िनल रिपोर्ट के विरुद्ध देहरादून कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज़ कराई जिसके बाद इस पुरे प्रकरण की जांच कराई गयी। जांच में आरोपी सचिन उपाध्याय विरुद्ध अहम सबूत सामने आये,उन सबूतों के आधार पर आरोपी सचिन उपाध्याय के विरुद्ध देहरदु के राजपुर थाना में आई० पी० सी ० के धारा 420,467,468,471,504,120b के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल सचिन उपाध्याय के खिलाफ उनके कारोबारी साझेदार रहे मुकेश जोशी ने शिकायत दर्ज कराई थी । कि उन्होंने संयुक्त स्वामित्व वाली कंपनी एसएम हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड में उनके हिस्से के 50 फीसदी शेयर उनके फर्जी दस्तखत करके अपनी पत्नी के नाम स्थानांतरित करा लिये थे । इतना ही नही सचिन उपाध्याय ने इसी कंपनी के नाम पर 36 करोड़ का लोन भी ले लिया।पीड़ित मुकेश जोशी का कहना है कि इसको लेकर कोर्ट के समक्ष दोनों के बीच समझौता हुआ कि सचिन उपाध्याय 2 करोड़ 64 लाख रु मुकेश जोशी को देंगे । जबकि मुकेश जोशी को सचिन उपाध्याय ने एक होटल में बुलाया। और वहां उन्हें जान से मारने की धमकी दी इसके बाद मुकेश जोशी लगातार इस लड़ाई को लड़ते रहे । साथ ही मुकेश जोशी अपनी समस्या को लेकर वह सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले। जिसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी का गठन कर जांच कराने की बात कही। वहीँ एसआईटी ने इस मामले की जांच की तो सभी तथ्य सही पाए गए। अब आरोपी सचिन के साथ साथ उनकी धर्मपत्नी नाज़िया को भी आरोपी बनाया गया है। इस प्रकरण की,जून 2019 में एसआईटी का गठन किया गया था। परंतु इस पुरे प्रकरण में देहरादून के मित्र पुलिस पर भी सबाल उठने लगे है कि देहरादून पुलिस ने सियासी पहुंच के दबाब में आकर FR लगा दी,जिससे पुलिसिया कार्यवाही भी शक के घेरे में आ गया है ।फिलहाल पुलिस ने आरोपी सचिन उपाध्याय को कोर्ट के समक्ष पेश कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है ।

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