लॉकडाउन लागू होने के कारण इस बार पंजाब में सिखों के सबसे बड़े त्योहार बैसाखी पर रौनक नहीं दिखी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। मशहूर स्वर्ण मंदिर से भी रौनक गायब रही। आमतौर पर बैसाखी पर यहां करीब दो लाख श्रद्धालु आते हैं।
बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। किसानों के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से खेतों में फसल की कटाई शुरू होती है। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में भी गिने-चुने श्रद्धालु पहुंचे। गुरुद्वारे में सुबह मत्था टेकने पहुंचे श्रद्धालु सालविंदर सिंह ने कहा कि आज हमारे लिए एक बड़ा दिन है। जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, तब से गुरुद्वारे में प्रवेश करने वालों को सेनेटाइज करने के इंतजाम किए गए हैं, ताकि महामारी न फैले।