कोरोना और लॉकडाउन से लोगों में नौकरी-पैसे को लेकर चिंता

महामारी के कारण लगाया गया लॉकडाउन नींद पसंद करने वाले लोगों के लिए अच्छा मौका था। हालांकि एक अध्ययन में पता चला है कि सोना पसंद करने वाले लोगों की नींद लॉकडाउन के पहले सप्ताह में ही पूरी हो गई और वह घर में बंद रहने की वजह से आराम महसूस करने की बजाय बेचैन रहने लगे। ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन में 22 से 24 मई के बीच सर्वे किया गया, तो इस दौरान लोगों को नींद संबंधी तकलीफ की बात सामने आई। सर्वे में शामिल 38% लोगों ने कहा कि इस दौरान उन्होंने डरावने सपने भी देखे। कुछ लोग लॉकडाउन में खूब सोए, पर वे सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहे थे। 
ब्रिटेन के 2,254 युवाओं पर हुए अध्ययन में पता चला है कि 10 में से 6 लोगों को लॉकडाउन में नींद संबंधी समस्या रही और वह अच्छे से नहीं सो पाए। किंग्स कॉलेज लंदन के पॉलिसी इंस्टीट्यूट के बॉबी के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण दो तिहाई लोगों को नौकरी जाने का डर और वित्तीय संकट की चिंता सता रही है और उसका सीधा असर हो रहा है।

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