पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे का मामला कोर्ट पहुंचा

परिवादपत्र में बाबा रामेदव और बालकृष्ण को आईपीसी की धारा 420, 120बी, 270, 504/34 के तहत आरोपी बनाया गया है। 

आयुष मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोरोना वायरस की दवा इजाद करने के आरोप में अहियापुर निवासी तमन्ना हाशमी ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है। इसमें पतंजलि विवि व शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव व पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण को नामजद किया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की है।

वादी ने आरोप लगाया कि दोनों ने कोरोना की दवा का इजाद किया। जबकि भारत सरकार की आयुष मंत्रालय ने दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी। मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में समाजसेवी और भिखनपुरा निवासी तमन्ना हाशमी ने एक परिवाद पत्र दायर कर पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव तथा पतंजलि संस्था के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण पर आरोप लगाया है कि इन दोनों ने कोरोना वायरस दवा बनाने का दावा कर देश को धोखा दिया है। परिवाद पत्र में कहा गया है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा ‘कोरोनिल टैबलेट’ का ईजाद करने का दावा किया है, आयुष मंत्रालय ने इस पर प्रश्न उठाते हुए इस दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी है।

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